Bihar Politics: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को मुख्यमंत्री द्वारा चौथे कृषि रोड मैप की तैयारी एवं समीक्षा हेतु आयोजित बैठक पर बयान देते हुए कहा है कि दो माह पूर्व तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों की दुर्दशा से राज्य में सभी लोग अवगत हैं. अभी तक तीन कृषि रोड मैप में किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 12 विभागों को कृषि रोड मैप से जोड़ा गया है लेकिन किसी विभाग ने किसानों की हालत सुधारने के लिए कोई कार्य नहीं किया है. 1.54 लाख करोड़ के प्रावधान से तीसरा कृषि रोड मैप 2017-22 की अवधि में कार्यरत है. जिसका उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं कृषि क्षेत्र का सतत विकास करना था. इसके तहत ऑर्गेनिक खेती पर जोर देते हुए ऑर्गेनिक कॉरिडोर का विकास करना था. लक्ष्य प्राप्ति तो दूर प्रारम्भिक कार्य भी नहीं हुए है.
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि कृषि रोड मैप की असफलता के बाबजूद मुख्यमंत्री इस पर अड़े हुए हैं. जब कृषि मंत्री ने बिभाग में भ्रष्टाचार की बात कही तो उन्हें ही हटा दिया गया था. कृषि रोड मैप में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी नहीं रहने के कारण भ्रष्टाचार चरम पर है. कृषि मेला लगाकर कमीशन खोरी आम बात है. कृषि के नाम पर अनुदान का 75% भ्रष्ट अधिकारियों के जेब में जाता है.
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से शीघ्र किसानों की हित में काम करने एवं उन्हें मदद करने हेतु आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि चौथे कृषि रोड मैप में किसानों के हित में आवश्यक सुधार होने चाहिए.