पटना में बीजेपी के विधानसभा मार्च के दौरान जहानाबाद के भाजपा नेता विजय सिंह की मौत के बाद जांच के लिए बनायी गयी सिटी एसपी मध्य वैभव शर्मा व एडीएम विधि व्यवस्था हेमंत कुमार की टीम ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह को सौंप दी है. इस टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया है कि विजय सिंह की मौत लाठी लगने से नहीं हुई थी और वे डाकबंगला चौराहा की ओर गये भी नहीं हैं. वे खुद ही गिर गये और उनकी मौत हो गयी.
डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ओपिनियन किया रिजर्व
जिलाधिकारी ने आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विजय सिंह के शरीर पर एक खरोंच भी नहीं पायी गयी है. अगर जिस जगह पर लाठी लगती तो वह सूज जाती. लेकिन कहीं कोई निशान नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों की टीम ने ओपिनियन को रिजर्व कर दिया है, फाइनल रिपोर्ट नहीं आयी है. बिसरा को सुरक्षित कर जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है. यह रिपोर्ट चार-पांच दिनों में मिल जायेगी. इसके बाद उनकी मौत का कारण और भी स्पष्ट हो जायेगा.
विधानसभा मार्च की नहीं दी गई थी अनुमति : डीएम
जिलाधिकारी ने कहा कि विधानसभा मार्च की अनुमति नहीं दी गयी थी. परंपरा के मुताबिक किसी भी जुलूस को डाकबंगला चौराहा से आगे जाने नहीं देना है. बैरिकेड़िंग तोड़ी गयी, पुलिस पर लाठियों से हमला किया गया और आंख में मिर्च का पाउडर डाला गया. इसे लेकर आंशिक बल प्रयोग किया गया. यह किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर नहीं की गयी है. पहले से ऐसा होता रहा है. राजद और लोजपा के कार्यक्रम को भी डाकबंगला चौराहा पर रोक दिया गया था और बल प्रयोग किया गया था.
प्रदर्शनकारी बैरिकेड़िंग तोड़ आगे बढ़ने का कर रहे थे प्रयास
डीएम ने कहा कि डाकबंगला चौराहा शहर का हर्ट है और यहां जाम होने का असर पूरे शहर पर पड़ता है. प्रशासन रोकने का प्रयास कर रही थी और प्रदर्शनकारी बैरिकेड़िंग को तोड़ कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. अगर वहां नहीं रोका जाता तो वह प्रशासन की नाकामी साबित होती. क्योंकि आगे पटना उच्च न्यायालय, सीएम हाउस, राज्यपाल भवन आदि भी हैं.
एफएसएल की फाइनल रिपोर्ट से सही कारण हो पाएगा स्पष्ट
जिलाधिकारी ने कहा कि विजय सिंह की मौत से सभी को दुख है. एक और सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें वे 1.19 बजे जेपी गोलंबर के पास टहल रहे हैं. सारी जांच में यह बात ही सामने आयी है कि 1.22 से 1.27 बजे के बीच में वे छज्जुबाग में गिर पड़े हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी मौत हो गयी. वहीं, सूत्रों का कहना है डॉक्टरों की टीम ने प्रथम दृष्टया यह पाया है कि उनके सिर में ब्लड क्लोटिंग थी और हर्ट भी बढ़ा हुआ था. उनकी मौत हर्ट अटैक से हुई है या अन्य कारणों से हुई है, यह मेडिकल बोर्ड व एफएसएल की फाइनल रिपोर्ट के आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी.
न्यूरो सर्जरी वार्ड में शिफ्ट की गयीं मीना झा
इधर, मार्च के दौरान घायल हुई दरभंगा जिले की निवासी बीजेपी नेता मीना झा के स्वास्थ्य में सुधार आया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि सिर में चोट लगने के कारण मीना झा को ब्रेन हेमरेज हो गया है. हालांकि दवा से ही वह ठीक हो जायेंगी. उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार आया है. इमरजेंसी वार्ड से हटाकर उनको न्यूरो सर्जरी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. जहां सीनियर डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है. वहीं चार अन्य मरीज जो पहले से हड्डी व सर्जरी विभाग में भर्ती थे, उनके स्वास्थ्य में सुधार आने के बाद शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.
विजय सिंह का फतुहा श्मशान घाट पर हुआ दाह-संस्कार
भाजपा के दिवंगत नेता और जहानाबाद के जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह के दाह संस्कार में फतुहा श्मशान घाट पर शुक्रवार को भाजपा एवं उनके सहयोगी दल के कई सांसद एवं विधायक के साथ सैकड़ों की संख्या भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए. श्मशान घाट पर शव पहुंचते ही विजय कुमार सिंह अमर के नारे से गूंज उठा. भाजपा ने इस दिन को काला दिन के रूप में मनाया.
प्रखंड स्तर पर होगा आंदोलन
भाजपा नेताओं ने बताया कि गुरुवार को भाजपा द्वारा बेरोजगारी महंगाई, अपराध रोकने जैसे मांगों को ले शांतिपूर्ण विधान सभा मार्च का कार्यक्रम था, जिसमें प्रदेश के हजारों की संख्या भाजपा नेता के साथ कार्यकर्ता पटना पहुंचे थे. हमलोगों के आंदोलन को कुचलने के लिए बिहार सरकार के इशारे पर पटना पुलिस बर्बरता पूर्वक हमारे सांसद विधायक एवं कार्यकर्ताओं की पिटाई की. इसमें विजय सिंह की मौत हो गयी. हमलोग पिटाई के जिम्मेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से त्यागपत्र की मांग करते हैं और इस न्याय की मांग को ले प्रखंड स्तर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे.