मुजफ्फरपुर. विशेष राज्य का दर्जा की मांग लेकर रेल का चक्का जाम करने के मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत 23 भाजपा नेताओं ने शुक्रवार को सबजज-1 (पश्चिमी) सह विशेष एमपी /एमएलए कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विकास मिश्रा की अदालत में प्रीवियस जमानत के लिए आवेदन देकर सरेंडर किया. न्यायालय ने सभी को प्रीवियस बेल देते हुए आरोप का सारांश सुनाते हुए आरोप गठित करते हुए मामले में गवाही के लिए 24 जून की तिथि निर्धारित की है.
जिन लोगों ने कोर्ट में सरेंडर किया, उनमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, भूमि राजस्व मंत्री रामसूरत राय, वैशाली सांसद वीणा देवी, पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष डाॅ अरविंद सिंह, अंजू रानी, देवांशु किशोर, केपी पप्पू, आशीष साहू, विनोद कुशवाहा, देवीलाल, शशि कुमार सिंह, रितेंद्र कुमार शर्मा, दिनेश कुमार, दिनेश कुमार पुष्पम, धीरेंद्र प्रसाद सिंह, मनीष कुमार, सुमन कुमार, रघुनंदन प्रसाद सिंह, मदन चैधरी, रामबाबू राय, गीता देवी एवं वंदना शामिल हैं.
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह और राजीव कुमार, सांसद वीणा देवी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार और पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा व अन्य की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सभी आरोपित पूर्व से जमानत पर हैं, इसलिए सभी को पूर्व से दिये गये जमानत पर रहने दिया जाये. इस पर न्यायालय ने प्रिवियस बेल पर रहने की स्वीकृति देते हुए सभी को आरोप का सारांश सुनाते हुए आरोप गठित कर दिया. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर हुए रेल का चक्का जाम मामले में तत्कालीन आरपीएफ इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह ने केस दर्ज कराया था.
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