Bihar Politics: फ्लोर टेस्ट से पहले भाजपा विधायकों को बोधगया ले जाने की तैयारी, जानें क्या है वजह
12 फरवरी को बिहार सरकार के विश्वास मत और विधानसभा सत्र से ठीक पहले बोध गया में भाजपा का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए पार्टी के सभी विधायकों को 10 और 11 फरवरी के लिए बोध गया जाना है.
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद से विभिन्न नेताओं द्वारा लगातार खेला होने का दावा किया जा रहा. कांग्रेस ने तो अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है. इधर, भाजपा ने भी फ्लोर टेस्ट से पहले पार्टी व संगठन के नेताओं को बोधगया तलब किया है. जहां 10 और 11 फरवरी को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाजपा के विधायक, विधान पार्षद समेत कई पदाधिकारी भाग लेंगे.
लोकसभा चुनाव की रणनीति पर होगा विचार
पार्टी नेताओं के मुताबिक इस कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति पर प्रशिक्षण व विमर्श होगा. हालांकि राज्य सरकार के विश्वास मत और विधानसभा सत्र से ठीक पहले आयोजित हो रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सियासी गलियारों में ऐसी भी चर्चा हो रही है कि भाजपा को पार्टी में टूट का डर सता रहा है. इसलिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.
बजट सत्र को लेकर रणनीति होगी तैयार
कार्यक्रम के दौरान ही विधानमंडल के आगामी सत्र को लेकर रणनीति भी तैयार होगी. बिहार भाजपा के सभी विधायक व विधान पार्षद प्रशिक्षण कार्यक्रम के ठीक अगले दिन 12 फरवरी को बिहार विधानमंडल का सत्र है. ऐसे में विधायकों को सत्र में भाग लेने के लिए इससे पहले लौटने का निर्देश दिया गया है.
विधानसभा का सत्र 12 फरवरी से
बीजेपी ने विधायकों को प्रशिक्षण शिविर में बुलाने की जिम्मेदारी मुख्य सचेतकों को दी है. विधानसभा और विधान परिषद के मुख्य सचेतक नियमित रूप से सभी सदस्यों को फोन कर प्रशिक्षण शिविर में आने की जानकारी दे रहे हैं. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का सत्र 12 फरवरी से शुरू हो रहा है. एनडीए सरकार को पहले ही दिन विश्वास मत जीतना है. इससे पहले सत्ता पक्ष के विधायकों को पूरी तरह एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है.
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कांग्रेस ने विधायकों को भेजा हैदराबाद
बता दें कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस के सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया गया. जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज हुई कि कांग्रेस को उनके खेमे में सत्ताधारी पार्टी सेंधमारी किए जाने जा डर सता रहा है. इसलिए विधानसभा स्तर में ही विधायकों को बिहार लाया जाएगा. हालांकि बिहार कांग्रेस ने अपने विधायकों पर सत्तारूढ़ एनडीए द्वारा डोरे डाले जाने की चर्चा को अफवाह करार दिया है. साथ ही अपने सभी 19 विधायकों को एकजुट बताया है.