पटना जिला के मसौढ़ी में सोमवार को एक सनकी छात्र ने 12वीं की 17 वर्षीय छात्रा अनामिका को कोचिंग जाने के दौरान सड़क पर दौड़ा कर गोली मार कर हत्या कर दी थी. अब दिनदहाड़े हुए इस आपराधिक वारदात के आरोपियों को जल्द सजा दिलाने की मांग उठ रही है. इसी कड़ी में पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के सांसद रामकृपाल यादव ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान सदन अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि बिहार में आपराधिक वारदातें बढ़ रही हैं.
थाने से कुछ ही दूरी पर छात्रा को मारी गई गोली : रामकृपाल
सांसद रामकृपाल यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को सदन के माध्यम से बताया कि पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मसौढ़ी में पुलिस थाने से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर कोचिंग पढ़ने जा रही दलित समाज की एक नाबालिग लड़की अनामिका कुमारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सांसद ने इसके साथ ही एक और आपराधिक वारदात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले इसी वर्ष पांच नवंबर को भी बिक्रम के बेरर निवासी देवराज उर्फ लालू यादव की भी थाने के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सांसद ने कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है.
स्पीडी ट्रायल चलाकर जल्द सजा दिलाने की मांग
सदन में रामकृपाल यादव ने लोकसभा अध्यक्ष से मांग की कि दलित परिवार की बेटी को न्याय दिलाया जाए और पुलिस प्रशासन दोनों घटनाओं में शामिल दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करे और स्पीडी ट्रायल चलाकर उन्हें अधिकतम सजा दिलाए. दोनों घटनाओं के मामले में, मैं पीड़ित परिवार के लिए तत्काल राहत और न्याय की मांग करता हूं.
कोचिंग जाने के दौरान छात्रा को मारी थी गोली
दरअसल, मसौढ़ी के मणिचक रोड में सोमवार सुबह करीब आठ बजे एक सनकी छात्र ने 12वीं की छात्रा अनामिका (17वर्ष) को सड़क पर दौड़ा कर गोली मार कर हत्या कर दी थी. गोली मारने के बाद छात्र पैदल पटेलनगर की ओर भाग निकला था. छात्रा उस वक्त पास स्थित काशमीरगंज में कोचिंग जा रही थी. पूरी वारदात वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गयी. मृतक छात्रा अनामिका कुमारी थाने की चपौर पंचायत के काजीचक गांव निवासी कमलेश कुमार की पुत्री थी. वह बीते करीब दस दिनों से तारेगना मोहल्ला निवासी अपने चचेरे नाना किशोरी पासवान के यहां रहकर पढ़ाई करती थी. वह रोज सुबह आठ बजे अपने नाना के घर से पैदल गांधी मैदान स्थित कोचिंग जाती थी.
युवक ने छात्रा को मारी दो गोली
बताया जाता है कि युवक भी उसी कोचिंग में पढ़ता था. घटना को अंजाम देने के दौरान आरोपी युवक अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था. सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा कि युवक छात्रा का पीछा करते हुए उसे रास्ते में जबरन रुकवाकर उससे बात करने की कोशिश की. छात्रा उससे बात नहीं करना चाही. इससे गुस्साये युवक ने कमर से पिस्तौल निकाल ली. युवक के हाथ में पिस्तौल देख छात्रा पीछे मुड़कर भागने लगी. आरोपी भी उसके पीछे दौड़ा और पीछे से उसके सिर में गोली मार दी. गोली लगते ही छात्रा गिर पड़ी. इसके बाद पिस्तौल में दूसरी गोली लोड की और उसकी कनपटी में एक और गोली दाग दी. जिससे छात्रा की मौके पर ही मौत हो गयी.
आरोपित की हो चुकी है पहचान
सोमवार की सुबह छात्रा को गोली मार कर मौत के घाट उतारने वाले युवक की पहचान पुलिस ने कर ली है. गिरफ्तारी में अड़चन पैदा होने की वजह से फिलहाल पुलिस उसके नाम का खुलासा नहीं कर रही है. हालांकिआरोपित पर दबिश बनाने को लेकर पुलिस उसके कुछ परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
दो माह पूर्व भी इस तरह की एक अन्य घटना घटित हो चुकी है
मसौढ़ी के तारेगना डीह मुहल्ले में बीते 21 सितंबर माह में भी एक इसी तरह की घटना घटित हो चुकी है. फर्क सिर्फ इतना है कि गोली लगने के बावजूद लड़की बच गयी थी, लेकिन सिरफिरे युवक जो लड़की को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी, जिससे उसकी मौत मौके पर ही हो गयी थी.
लड़कियों की पढ़ाई को लेकर अभिभावकों में चिंता
दो माह के भीतर दो घटित घटनाओं के बाद मसौढ़ी व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावक अपनी लड़कियों की पढ़ाई को लेकर चिंतित हो गये हैं. सोमवार को घटित घटना के बाद नगर के गांधी मैदान के आसपास स्थित विभिन्न कोचिंग संस्थानों में फोन की घंटी बजने लगी. घर से निकली लड़कियों के परिजन अपनी लड़की का कुशलक्षेम कोचिंग संचालक से पूछने लगे. कुछ अभिभावक तो कोचिंग तक पहुंच गये. इस दौरान अभिभावकों का कहना है कि आखिरकार इस स्थिति में कैसे अपनी बच्ची को पढ़ने के लिए बाहर भेजें. उनका आरोप था कि बीते 21 सितंबर की घटित घटना के बाद कोचिंग के आसपास लफंगों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की बात कही गयी थी.
छह घंटे तक सैकड़ों लोग जुटे रहे अस्पताल में
घटना के बाद छात्रा का शव जब अनुमंडलीय अस्पताल में लाया गया तो परिजनों के अलावा उसके गांव व आसपास के सैकड़ों लोग अस्पताल में पहुंच हंगामा करने लगे थे और पुलिस के खिलाफ आक्रोशित थे. छह घंटे तक लगातार भीड़ बढ़ती गयी और पुलिस चुपचाप देखती रही.