बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. विश्वास मत के पक्ष में 129 विधायकों ने वोट किया, वहीं विपक्ष में शून्य वोट पड़े. इससे पहले वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने का प्रस्ताव बहुमत से पारित हुआ. बीजेपी के नंद किशोर यादव और हम के जीतन राम मांझी द्वारा मौजूदा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. जिसके पक्ष में 125 वोट पड़े. जबकि इसके विरोध में 112 वोट आए. जिसके बाद अब बिहार विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी खाली है. जानकारी के अनुसार भाजपा विधायक नंदकिशोर यादव अब बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष हो सकते हैं. इसके लिए वो मंगलवार की सुबह 10:30 बजे नामांकन करेंगे.
फिर से भाजपा का स्पीकर
एनडीए की सरकार में इस बार भी बिहार विधानसभा अध्यक्ष का पद बीजेपी को मिला है. एनडीए के पिछले कार्यकाल में भी भाजपा के विजय कुमार सिन्हा ही स्पीकर थे. इस बार उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है. इस बार पटना साहिब सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया है.
पटना के रहने वाले हैं नंदकिशोर यादव
26 अगस्त 1953 को जन्मे नंदकिशोर यादव के पिता का नाम स्वर्गीय पन्ना लाल यादव और माता का नाम स्वर्गीय राजकुमारी यादव है. नंद किशोर का पैतृक घर पटना के गोलकपुर (महेंद्रू) में था, जहां आज पटना लॉ कॉलेज का छात्रावास स्थित है. नंद किशोर यादव छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे. वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े थे.
7 बार पटना साहिब से जीत चुके हैं विधानसभा चुनाव
नंदकिशोर यादव का राजनीतिक सफर पटना नगर निगम के पार्षद चुने जाने से शुरू हुआ. वो लगातार 7 बार पटना साहिब क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. वे लंबे समय तक बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री का विभाग संभाल चुके हैं. नंदकिशोर यादव स्वास्थ्य मंत्री और पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभाई है. वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने बिहार में अन्य पदों पर भी योगदान दिया है.
Also Read: महागठबंधन के टूटने से विश्वास मत तक, तस्वीरों में देखें बिहार की सियासत में कब क्या हुआ?
पहली बार 1978 में जीते थे चुनाव
नंदकिशोर यादव ने 1978 में पहली बार पटना नगर निगम पार्षद का चुनाव जीता. इसके बाद 1982 में वह पटना के डिप्टी मेयर चुने गए. साल 1983 में उन्हें पटना महानगर अध्यक्ष बनाया गया और 1990 में वह बीजेपी के युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बने. साल 1995 में नंदकिशोर यादव ने पटना के पूर्वी क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा और विधायक चुने गये.
Also Read: ‘नीतीश कुमार को हमेशा दशरथ की तरह माना…’ विश्वास मत के दौरान तेजस्वी यादव के भाषण की 10 बड़ी बातें