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Bihar: भाजपा ने एक साथ खेले तीन दांव, सम्राट चौधरी की जगह हरि सहनी को मिला ताज, जानें बिहार की राजनीति पर असर

Bihar: सभी पार्टियों का ध्यान इस समय मिथिलांचल पर ज्यादा है. यही कारण है कि संतोष सुमन के इस्तीफा के बाद जदयू ने दरभंगा की मेयर को अपने साथ किया और सहरसा के सोनवर्षाराज से विधायक रत्नेश सदा को मंत्रीपद दिया.

भाजपा ने एक साथ खेले तीन दांव, सम्राट की जगह हरि को दी नई जिम्मेवारी, जानिए बिहार की राजनीति को लेकर क्या रणनीति बनाई गई है, बिहार लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. लालू-नीतीश के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए बीजेपी ने बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी की जगह हरि सहनी को अपना बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष बनाया है. बीजेपी ने अपने इस एक तीर से तीन दांव खेले हैं.

हरि सहनी को नेता प्रतिपक्ष बनाकर बीजेपी ने मछुआरा जाति को अपने साथ साध लिया है. हाल के दिनों में मुकेश सहनी इसे अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे थे. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बीजेपी के इस फैसले से मुकेश सहनी की परेशानी बढ़ सकती है. अपनी संकल्प यात्रा के दौरान सहनी अपने इस वोट बैंक को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे थे. लेकिन, बीजेपी ने हरि सहनी को बिहार विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी देकर मुकेश सहनी के प्रयास पर ब्रेक लगाने का प्रयास किया है. हरि सहनी के सहारे बीजेपी ने मिथिलांचल को साधने की अपनी अंतिम चाबी भी लगा दी. और, तीसरा यह कि इसके जरिए पार्टी ने लालू नीतीश के परंपरागत वोट बैंक अति पिछड़ा में सेंधमारी का प्रयास किया है.

लालू नीतीश के सामने फिर नई चुनौती

बिहार में अति पिछड़ी जाति के मतदाताओं की संख्या भी 26 फीसदी है. इसमें लोहार, कहार, सुनार, कुम्हार, ततवा, बढ़ई, केवट, मलाह, धानुक, माली, नोनी आदि जातियां आती हैं. पिछले चुनावों में ये अलग-अलग दलों को वोट करते रहे हैं. लेकिन 2005 के बाद से इनका बड़ा हिस्सा नीतीश के साथ रहा है. बीजेपी ने इसमें सेंधमारी के लिए पिछले कुछ दिनों से लगी थी. इसको साधने के लिए पहले बीजेपी ने बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा देकर अपने साथ मिलाने का प्रयास भी किया था. लेकिन, दोनों में बात नहीं बनी. इसके बाद मुकेश सहनी संकल्प यात्रा पर निकल गए और हाथ में गंगा जल लेकर अपने लोगों को कसम दिलाकर अपने सभी लोगों को गोलबंद कर रहे थे. इससे लालू-नीतीश तो परेशान थे ही इसके साथ ही साथ बीजेपी भी इसको लेकर परेशान थी. सहनी का चेहरा इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि उन्हें पार्टी ने एक तरह से अचानक प्रोजेक्ट कर दिया है. अब बीजेपी ने हरि सहनी विधना परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिमेम्वारी दी है.

वीआईपी की मनमानी पर लगेगा ब्रेक

वीआईपी के सर्वेसर्वा और राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी इन दिनों संकल्प यात्रा पर हैं. अपनी यात्रा के दौरान वे उन जगहों पर ही जा रहे हैं जहां उनके वोटर हैं. वहां पर अपने वोटरों को गोलबंद कर रहे हैं. मुकेश साहनी अपनी सभा में लगातार इस बात का दावा कर रहे थे कि मल्लाहों को साथ लाने वाला ही केंद्र की कुर्सी पर बैठेगा. भाजपा ने उनकी ही बात को सही साबित करने के अंदाज में मल्लाह जाति के हरि सहनी को विधान परिषद् के नेता प्रतिपक्ष की अहम जिम्मेदारी देकर वीआईपी की मनमानी पर एक तरह से अंकुश लगा दी है. वीआईपी अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ ही आता है तो ज्यादा मनमानी करने की स्थिति में नहीं होगा, जबकि अगर वह महागठबंधन की ओर रुख करता है तो वहां उसे इस मुकाबले कम ही बड़ा कुछ मिलेगा.

मिथिलांचल एनडीए का बड़ा लक्ष्य

विधानसभा के 2015 चुनाव में राजद और जदयू ने साथ मिलकर भाजपा को मिथिलांचल में बुरी तरह हराया था. बीजेपी इसको लेकर सबसे ज्यादा परेशान है. बहरहाल सभी पार्टियों का ध्यान इस समय मिथिलांचल पर ज्यादा है. यही कारण है कि संतोष सुमन के इस्तीफा के बाद जदयू ने दरभंगा की मेयर को अपने साथ किया और सहरसा के सोनवर्षाराज से विधायक रत्नेश सदा को मंत्रीपद दिया. अब बीजेपी ने यहां पर अपनी झोली खोली है. पिछले दिनों जब अमृत भारत स्टेशनों का शिलान्यास किया गया तो मिथिलांचल की कई मांगें एक साथ पूरी कर दी गईं. इसके साथ ही एम्स को लेकर महागठबंधन और एनडीए के बीच रार चल ही रही है. राज्य और केंद्र, दोनों सरकारों में इसको क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है. बीजेपी ने इसके साथ ही मिथिलांचल में प्रस्तावित एम्स के क्षेत्र की विधानसभा सीट से हारने के बाद भी विधान पार्षद बनाए गए हरि सहनी को विधान परिषद का नेता बनाकर पार्टी ने एक तरह से अपनी अंतिम गेंद फेंक दी है.

नेता प्रतिपक्ष बनने पर मुकेश सहनी ने दी बधाई

इधर, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने भाजपा द्वार हरि सहनी को बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर बधाई दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ‘निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा’ से घबराकर भाजपा ने आपको ये दायित्व दिया है. वीआईपी के प्रमुख ने रविवार को सोशल मीडिया, फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि ‘ निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा’ से घबराकर भाजपा ने आपको (हरि सहनी जी) ये दायित्व दिया है. आप यह भी भली-भांति जानते हैं. आगे उन्होंने लिखा कि ये दायित्व जो आपको मिला है, वो निषाद समाज के जागृति की वजह से मिला है. इस बात का ध्यान रहे कि आप ऐसा कुछ न करें जिसके कारण समाज के आरक्षण की लड़ाई ख़त्म हो.”

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