प्रदेश भाजपा ने विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 में 15 सीटों पर अपनी तैयारी शुरू की है. प्रदेश कोर कमेटी की शनिवार को हुई एक अहम बैठक में पार्टी ने यह मत बनाया कि वह जीती हुई अपनी 13 सीटों नहीं छोड़ेंगी. प्रदेश कार्यालय में ढाइ घंटे तक बंद कमरे में हुई कोर कमेटी की बैठक में इस पर मुहर लग गयी. बैठक में कहा गया कि 2020 में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा और जदयू के बीच जिस फार्मूले के तहत मंत्रियों का कोटा निर्धारित हुआ था, उसी तर्ज पर विधान परिषद की सीटें बटनी चाहिये. कोर कमेटी की बैठक में प्रदेश की ताजा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई.
प्रदेश अध्यक्ष डा संजय जायसवाल ने कहा कि कोर कमेटी की बैठक में सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपनी बात रखी है. इसमें अगले छह माह के कार्यक्रमों और विधान परिषद चुनाव को लेकर चर्चा की गयी. कोर कमेटी की बैठक में सदस्यों ने कहा कि जीती हुई सीटों पर दावा नहीं छोड़ा जायेगा. जदयू के साथ समझौते को अंतिम रूप देने के बाद उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा करते हुए उनकी सूची फाइनल की जायेगी. कोर कमेटी में कहा गया कि पिछले चुनाव भाजपा 13 सीटों पर जीत हासिल की थी.
जदयू की आठ सीटिंग सीटें हैं. जबकि तीन सीटों पर विपक्ष के उम्मीदवार की जीत हुई थी. बैठक में संगठन महामंत्री भिखूभाई दलसानिया, प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, सांसद सुशील कुमार मोदी, मंत्री शानवाज हुसैन, सम्राट चौधरी, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, नवल किशोर यादव और राजेंद्र गुप्ता आदि उपस्थित रहे.
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भाजपा के औरंगाबाद से आने वाले विधान पार्षद राजन सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने पार्टी मुख्यालय को इस बाबत सूचित कर दिया है. इस सीट पर भाजपा अब नये उम्मीदवार को उतारेगी.
स्थानीय प्राधिकार की 24 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में जदयू 12 सीटें मांग रहा है. पार्टी संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सार्वजनिक तौर पर इसकी मांग कर चुके हैं. जदयू ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सीटों के बटवारे के फार्मूले को अाधार मानते हुए इस चुनाव में भी आधी सीटों पर दावा किया है.