भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि देश में 170 बार राष्ट्रपति शासन लगाने वाली कांग्रेस पार्टी आज संविधान बचाने की दुहाई दे रही है. इस पार्टी ने कभी संविधान को नहीं माना और राजा की तरह शासन किया. वे रविवार को राजधानी के विद्यापति भवन में भाजपा द्वारा आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने बिहार में लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस और राजद पर भी हमला करते हुए कहा कि अराजकता का आलम यह था कि 2005 तक विपक्षी पार्टियों को चुनाव जीतने के लिए 120 से 150 फीसदी तक वोट लाने पड़ते थे.
प्रदेश अध्यक्ष ने आपातकाल के दौर और लोकतंत्र के मूल्यों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर इसकी चर्चा नहीं होगी, तो नयी पीढ़ी को पता ही नहीं चलेगा कि उनके बुजुर्गों ने कांग्रेस शासनकाल में कैसी बर्बरता झेली. इसी तरह, वर्तमान पीढ़ी को 2005 से पहले के बिहार के बारे में भी नहीं पता है.
सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 25 जून , 1975 के साथ भारत के लोकतंत्र का एक बहुत शर्मनाक काला अध्याय जुड़ा हुआ है, जब भारत में पहली बार आंतरिक आपातकाल लगाया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा सारे नागरिक अधिकार छीन लिये गये. लाखों लोगों को जेल में बंद कर दिया गया. अखबार की आजादी छीन ली गयी.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश के साथ देश के विपक्षी पार्टी के सारे नेता को गिरफ्तार कर लिया गया. जो बंद हुए उसके खिलाफ न कोई अपील, न कोई दलील, न कोई सुनवाई, न कोई कार्रवाई. उन दिनों को याद करना जरूरी है ताकि आज की पीढ़ी इस काले अध्याय को याद रखे और लोकतंत्र के प्रति संकल्पित रहे.
सम्मेलन को राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी व पूर्व मंत्री नंदकिशोर प्रसाद ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में सुशील मोदी लिखित पुस्तक पुस्तक ” आपातकाल के वे खौफ भरे दिन ” का लोकार्पण भी हुआ.