सुमित कुमार, पटना. मुस्लिम समुदाय तक पार्टी की पहुंच बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शुरू किया गया ” सूफी संवाद ” कार्यक्रम ईद के बाद बिहार में भी होगा. बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल के जिलों अररिया, पूर्णिया, किशनगंज व कटिहार से इसकी शुरुआत होगी. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर उनको यह बताना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिना जाति, पंथ या समुदाय को देखे सभी के लिए काम किया है. पार्टी का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ इसकी जिम्मेदारी संभाल रहा है.
भाजपा नेताओं के मुताबिक सूफी संवाद को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर 150 गैर-राजनीतिक लोगों की एक टीम बनायी गयी है. बिहार के लिए चिह्नित टीम सीमांचल के इलाकों में जाकर मुस्लिम समाज को यह बतायेगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र की भाजपा सरकार उनके लिए क्या-क्या काम कर रही है? सेमिनार, संवाद, कव्वाली आदि कार्यक्रमों के माध्यम से उनको यह जानकारी दी जायेगी. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं विशाल मुस्लिम आउटरीच प्रोग्राम को संबोधित करेंगे.
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेताओं का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के टैगलाइन सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास… के एजेंडे के तहत मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने का निर्देश दिया है. यह टीम भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में फैली झूठी धारणाओं को भी दूर करने का काम करेगी. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी नेताओं-कार्यकर्ताओं को संदेश दिया गया था कि वे वोट की चिंता किये बिना समाज के सभी वर्गों के साथ संपर्क कायम करें. इस बैठक में खास कर बोहरा और पसमांदा मुसलमानों को लेकर चर्चा हुई थी. भाजपा को लगता है कि मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यकों का समर्थन मिलने पर पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में पिछले दोनों लोकसभा चुनावों के रिकॉर्ड को तोड़ सकती है.
भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मो. तुफैल कादरी ने बताया कि ईद के बाद बिहार में भी सूफी संवाद की शुरुआत होगी. इसे सीमांचल के मुस्लिम बहुल जिलों किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया में किया जायेगा, ताकि समुदाय के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा जा सके.