BJP ने शराबबंदी पर बिहार सरकार को विफल बताया, रोहतास कांड को लेकर पूछा बड़ा सवाल

Bihar politics: बीजेपी के सांसद सुशील मोदी ने शराबबंदी कानून को लेकर सरकार से कई तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्य में पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में हैं. लेकिन राज्य सरकार अभी भी उन नौ कारणों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं है, जो हाईकोर्ट ने गिनाए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2022 8:57 AM

Bihar politics: बिहार में लागू शराबबंदी को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर से बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा है. बीजेपी के सांसद सुशील मोदी ने शराबबंदी कानून को लेकर सरकार से कई तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज्य में पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में हैं. लेकिन राज्य सरकार अभी भी उन नौ कारणों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं है, जो हाईकोर्ट ने गिनाए हैं. सुशील मोदी ने आगे कहा कि राज्य में शराबबंदी की नाकामी के चलते लगातार मौतें हो रही है. लेकिन सरकार बेपरवाह बनी हुई है.

दस माह और पचास मौतें

बीजेपी के वरीय नेता सुशील मोदी ने आगे कहा कि जहरीली शराब पीने से इस साल राज्य में बीते दस माह में पचास से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. बीजेपी नेता ने रोहतास की घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि रोहतास में जिन लोगों की मौत हुई वह जहरीली शराब का सेवन करने से हुई है. लेकिन प्रशासन इसे रहस्यमयी बिमारी का नाम दे रही है. सुशील मोदी ने जहरीली शराब पीने वालों का इलाज करने के लिए सरकार को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मानक चिकित्सा प्रक्रिया को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की है.

रोहतास कांड से सराकर की विफलता हुई उजागर

सुशील मोदी ने आगे कहा कि दिवाली पर हतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हुई थी. लेकिन सरकार इसे मानने के लिए तैयार नहीं है और इसे रहस्यमी बिमारी का मनगढंत नाम दे रही है. उन्होनें कहा कि पांच लोगों की मौत ने राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है.

हाईकोर्ट की सओपी लागू करे राज्य सरकार

बीजेपी सासंद ने आगे कहा कि जहरीली शराब पीने वालों का इलाज करने के लिए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार निर्देशानुसार मानक चिकित्सा प्रक्रिया यानी एसओपी को जल्द से जल्द लागू करे. सुशील मोदी ने हाईकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट कह चुकी है . शारबबंदी को लागू करने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है. शराबंदी के बाद से राज्य में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन में कई गुना बढ़ोतरी हुई है. तस्करी में किशोरों और महिलाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो चिंता की बात है.

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