पटना में काला धंधा का खुलासा, कोलकाता से मंगवाया जाता था ब्लड पैकेट पर एक्सपायरी डेट भी नहीं!
Bihar News: छापेमारी से पहले ही ब्लड बैंक के इंचार्ज समेत सभी तकनीशियन गायब थे. छापेमारी करने वाली टीम ने बताया कि बरामद ब्लड के पैकेटों पर डोनर का नाम, एक्सपायरी डेट समेत जरूरी जानकारी भी नहीं थी.
पटना. निवेदा हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में कोलकाता से भी ब्लड मंगवाया जाता था. इसका खुलासा सोमवार को ड्रग इंस्पेक्टर यशवंत झा के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम की हुई छापेमारी दौरान मिले दस्तावेजों से हुआ. अब इस एंगल से जांच की जा रही है कि कोलकाता से ब्लड मंगवाने में नियमों का पालन हुआ था कि नहीं. बरामद दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है. इस छापेमारी से पहले ही ब्लड बैंक के इंचार्ज समेत सभी तकनीशियन गायब थे. छापेमारी करने वाली टीम ने बताया कि बरामद ब्लड के पैकेटों पर डोनर का नाम, एक्सपायरी डेट समेत जरूरी जानकारी भी नहीं थी.
यह था मामला
ब्लड बैंक के रजिस्टर पर भी डोनर का नाम और अन्य जानकारियां भी नहीं लिखी हुई थीं. अब ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा बरामद ब्लड पैकटों के बैच नंबर और सीरियल नंबर का मिलान किया जा रहा है. पटना के निवेदा समेत अन्य अस्पतालों के ब्लड बैंकों में बिना नियम कानूनों का पालन किये खून का काला कारोबार करने की सूचना पर पुलिस और औषधि विभाग की ओर कार्रवाई की जा रही है. इसमें कई खुलासे हुए हैं. इसमें सामने आया है कि आरोपित ब्लड बैंक नशेड़ियों को 500 रुपये देकर एक यूनिट के बदले दो यूनिट ब्लड निकालते थे.
इसके बदले वे प्राइवेट अस्पताल या जरूरतमंद लोगों से एक यूनिट के पांच से सात हजार रुपये वसूलते थे. छापेमारी में पकड़े गये अजय कुमार और संतोष कुमार ने खुलासा किया था कि एक माह में उन्होंने 156 मरीजों को एक्सपायर्ड खून भी चढ़वा दिया है. ये खून के लिए नशेड़ियों के पास जाते थे. पुलिस से बचने के लिए ब्लड को बस और ट्रेन से लेकर ब्लड बैंक आते थे. इनसे बरामद ब्लड पैकटों पर निवेदा हॉस्पिटल का स्टिकर मिला था.