बीएमएसआइसीएल के एमडी के पास मिली आठ करोड़ की काली कमायी, आय से पांच गुनी अधिक बनायी अपनी संपत्ति

बीएमएसआइसीएल के एमडी संजीव रंजन पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है. इसी आरोप पर उनके खिलाफ कुल 1,76,72,907 रुपये गैरकानूनी और नाजायज ढंग से संपत्ति अर्जित करने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 30, 2022 6:56 AM

पटना. बिहार चिकित्सा सेवा आधारभूत संरचना निगम (बीएमएसआइसीएल) के एमडी संजीव रंजन के पटना स्थित आवास पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी में करीब आठ करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्ति की जानकारी मिली है. बुधवार को उनकी पत्नी के नाम इंडसइंड बैंक के लाकर को खोला गया तो उसमें चालीस लाख रुपये जमा मिले. संजीव रंजन के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में आय से अधिक संपत्ति को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है. मंगलवार को उनके आवास पर एसवीयू की छापेमारी हुई थी जो देर रात तक जारी रही. घर की तलाशी के दौरान एसवीयू के अधिकारियों को इंडसइंड बैंक में एक लॉकर का भी पता चला था.

आय से पांच गुनी अधिक बनायी संपत्ति

आशियाना नगर स्थित बैंक के लॉकर के तलाशी के दौरान लगभग 15 लाख रुपये के सोने के आभूषण मिले हैं. मंगलवार को हुई छापेमारी के दौरान लगभग दो किलो चांदी और चार लाख रुपय उनके आशियाना स्थित फ्लैट से बरामद हुआ था. संजीव रंजन के खाते में लगभग 40 लाख रुपये होने के कागजात मिले हैं. कुल मिलाकर अभी तक चल-अचल संपत्ति प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित आय से अधिक संपत्ति की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है, इसकी कीमत लगभग आठ करोड़ रुपया है. यह संपत्ति उनके द्वारा अर्जित वैधानिक आय से कई गुणा अधिक है.

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यह है आरोप

संजीव रंजन पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की है. इसी आरोप पर उनके खिलाफ कुल 1,76,72,907 रुपये गैरकानूनी और नाजायज ढंग से संपत्ति अर्जित करने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

घर में लिफ्ट और स्वीमिंग पूल भी

संजीव रंजन के आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित घर, जिसमें लिफ्ट और स्वीमिंग पूल भी है. इसकी कीमत करोड़ो में आंकी गयी है. एसवीयू अधिकारियों के अनुसार संजीव रंजन ने चिकित्सा क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं के टेंडर में काफी अवैध संपत्ति बनायी है. यह विशेष निगरानी इकाई के अनुसंधान में आयेगा.

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