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पटना के बाजार से नदारद है ब्लैक फंगस की दवा, मरीज समेत परिजन परेशान

कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस पटना सहित पूरे बिहार में भी पांव पसार रहा है. इधर, मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही ब्लैक फंगस के इलाज में दी जाने वाली दवाओं की कालाबाजारी भी शुरू हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2021 9:43 AM

आनंद तिवारी, पटना. कोरोना की दूसरी लहर के बीच ब्लैक फंगस पटना सहित पूरे बिहार में भी पांव पसार रहा है. इधर, मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही ब्लैक फंगस के इलाज में दी जाने वाली दवाओं की कालाबाजारी भी शुरू हो गयी है. शहर के गोविंद मित्रा रोड दवा मंडी के अलावा अन्य मेडिकल स्टोरों से ब्लैक फंगस की दवाएं नदारद हैं. परेशान मरीज और परिजन महंगी दवा खरीदने को विवश हैं.

पटना में ब्लैक फंगस के 55 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 13 मरीज आइजीआइएमएस और 10 एम्स में भर्ती हैं. शनिवार की देर शाम ब्लैक फंगस से मुजफ्फरपुर के सादपुरा निवासी उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार अब्दुस सत्तार की आइजीआइएमएस में मौत हो गयी.

ये भी चलती हैं दवाएं

डॉक्टरों के अनुसार, म्यूकरमाइकोसिस के लिए पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरिसिन डीऑक्सीचीलेट दवा का भी इस्तेमाल होता है. लेकिन एम्फोटेरिसिन डीऑक्सीचीलेट से साइड इफेक्ट ज्यादा होता है. मांग बढ़ते ही यह भी गायब हो गयी है.

एक नजर यहां भी

  • 2000 से 3000 रुपये कीमत होलसेल मार्केट में थी, ब्लैक फंगस केस आने से पहले

  • 5000 से 7000 रुपये कीमत फिक्स कर दी गयी है

  • 10000 से 12000 रुपये में ब्लैक में बेचे जा रहे हैं

  • सिर्फ पटना जिले में 55 से अधिक हैं ब्लैक फंगस के मरीज

तीन दिनों के अंदर बढ़ गयी कालाबाजारी

जीएम रोड समेत अन्य दवा दुकानों पर अम्फोटेरीसीन बी नामक इंजेक्शन गायब हो चुका है. दो से तीन हजार रुपये के एक इंजेक्शन की कीमत कालाबाजारी में 10 से 11 हजार रुपये तक ली जा रही है. पहले रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की कालाबाजारी के बाद अब अम्फोटेरीसीन बी इंजेक्शन के लिए काफी परेशानी हो रही है.

एक मरीज को 20 से 40 तक इंजेक्शन

डॉक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस से ग्रस्त मरीज की हालत तेजी से बिगड़ने लगती है. जल्द उपचार न मिले, तो आंखों की रोशनी या फिर मस्तिष्क तक संक्रमण के पहुंचने का खतरा रहता है. ऐसे में एक मरीज को 20 से 40 या किसी किसी मरीज में जिसकी हालत अधिक खराब है, उसे 50 तक इंजेक्शन की खुराक दी जाती है.

ड्रग कंट्रोलर रवींद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि कोई शिकायत नहीं मिली

बिहार के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने छह हजार वॉयल इंजेक्शन उपलब्ध कराये हैं. अभी तक कालाबाजारी की कोई शिकायत नहीं मिली है. इसे रोकने के लिए जीएम रोड समेत चिह्नित दवा दुकानों पर ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम तैनात कर दी गयी है.

Posted by Ashish Jha

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