कोरोना का खौफ : ट्रेनों में नहीं मिलेंगे कंबल, रेल कोचों में लगे पर्दें भी हटाये जायेंगे

कोरोना से निपटने के लिए रेलवे ने एसी कोच में दिये जानेवाले कंबलों पर रोक लगा दी है. अब उसमें लगनेवाले पर्दों को भी हटाने के निर्देश जारी कर दिये हैं.

By Rajat Kumar | March 17, 2020 7:57 AM

आरा : चीन में कहर बरपाने वाली कोरोना वायरस का असर अब पूरे विश्व पर पड़ने लगा है. इटली, ईरान समेत कई देशों में सैकड़ों का संख्या में लोग इसकी चपेट में आये है. भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमण के ममाले बढ़ने लगे है. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाने को कहा जा रहा है. कोरोना संक्रमण से रेल यात्रियों को बचाने के किये रेलवे ने भी कुछ कदम उठाये हैं.

कोरोना से निबटने के लिए रेलवे ने भी काफी सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है. एसी कोच में दिये जानेवाले कंबलों पर रोक लगा दी है. अब उसमें लगनेवाले पर्दों को भी हटाने के निर्देश जारी कर दिये हैं. जाहिर है कि भारतीय रेलों में प्रतिदिन लाखों लोग सफर करते हैं. जिस कारण रेल यात्रियों में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है. महाराष्ट्र से आनेवाली ट्रेनों में अब से एसी कोच में कंबल नहीं मिलेंगे. यात्रियों से अपना कंबल खुद लेकर आने को कहा गया है. साथ ही एसी कोच में लगने वाले पर्दों को भी हटाने के निर्देश दिये गये हैं.

सूत्रों के अनुसार रेलवे के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि एसी कोच में मिलनेवाली कंबल की रोजाना सफाई नहीं होती है. हालांकि रेलवे ने यह भी कहा है कि बेडशीट उपलब्ध रहेगी. कंबलों की तरह पर्दों की सफाई भी रोज नहीं होती.

गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार किसी भी तरह के प्रभावी कदम उठाने के लिए महामारी एक्ट 1897 को लागू करने की तैयारी कर रही है. इसके लागू होते ही सरकार को यह अधिकार हो जायेगा कि वह किसी भी मॉल, निजी परिवहन सहित अन्य प्रकार के एहतियात का कदम उठा सकेगी. कोरोना की महामारी को रोकने के लिए एक्ट के प्रभावी होने पर उसके प्रावधान को नहीं मानने पर सरकार द्वारा धारा 188 के तहत पेनाल्टी लगाया जा सकता है.

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