पटना. बिहार कांग्रेस में तत्काल कोई बड़ा फेरबदल नहीं होने जा रहा है. संगठन में समयबद्ध तरीके से बदलाव होंगे. सदस्यता अभियान के बाद ही संगठन में नया चुनाव होगा. प्रखंड से जिला तक कमेटियों के बन जाने के बाद राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जायेगा. ऐसे में यह माना जा रहा है कि सितंबर से पहले राज्य को नया नेतृत्व नहीं मिलने जा रहा है. ऐसे में अब यह तय हो गया है कि प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को कम से कम सितंबर तक जीवनदान मिल गया है.
पार्टी अभी अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. बिहार में लगातार कमजोर होती जा रही कांग्रेस ने अब संगठन को मजबूत करने के लिए नयी रणनीति बनायी है. इसको लेकर रविवार को पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी रिपुन बोरा के साथ पार्टी के प्रदेश स्तर के तमाम बड़े नेताओं की सदाकत आश्रम में बैठक हुई. इस बैठक के दौरान सदस्यता अभियान को लेकर चर्चा हुई. साथ ही साथ संगठन के चुनाव की तैयारियों की भी समीक्षा की गयी.
पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारी रिपुन बोरा के अलावे सहायक निर्वाचन पदाधिकारी डॉ नरेश कुमार भी बैठक में मौजूद रहे. इन दोनों की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान संगठन चुनाव को लेकर प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने अपनी राय रखी.
बिहार प्रदेश कांग्रेस में संगठन चुनाव को लेकर अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. ब्लॉक स्तर से शुरू होने वाला संगठन का चुनाव अगस्त महीने में प्रदेश स्तर तक पहुंच कर खत्म हो जाएगा. अगस्त महीने में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा और इसके साथ ही बिहार प्रदेश को नया कांग्रेस अध्यक्ष मिल जाएगा.
बिहार कांग्रेस की तरफ से मौजूदा वक्त में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. नवंबर महीने से शुरू हुआ सदस्यता अभियान अगले 31 मार्च तक चलेगा. इस दौरान पार्टी के सक्रिय सदस्य बनाए जा रहे हैं और कांग्रेस की तरफ से इसे डिजिटल और मैनुअल दोनों तरीके से चलाया जा रहा है. इसके बाद संगठन चुनाव की शुरुआत होगी. संगठन चुनाव के पहले वोटर लिस्ट तैयार किया जाएगा और उसके बाद कांग्रेस में बदलाव का सिलसिला शुरू हो जाएगा.