Video: B N Mandal university के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल वापस जाओ के लगे नारे, नौ छात्र पुलिस हिरासत

madhepura news हंगामा के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि हंगामा और नारेबाजी से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. मैं सभी लोगों से मिलता हूं. कोई नाराजगी थी तो मिलना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2022 8:08 PM

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के 30 वर्षों के इतिहास में चौथा दीक्षांत समारोह सफलतापूर्वक संपन्न होते-होते चूक गया. महामहिम कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान के उद्बोधन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने कुलाधिपति सह राज्यपाल फागू चौहान के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया. छात्र नेताओं ने राज्यपाल पर बिहार के सभी विश्वविद्यालय का शिक्षा के स्तर को गिराने एवं सत्र नियमितीकरण करने को लेकर कोई पहल नहीं करने समेत कई आरोप लगाया.

विरोध प्रदर्शन के दौरान दीक्षांत समारोह के पंडाल में भगदड़ सा माहौल रहा. मौके पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने छात्र नेताओं के साथ वार्ता कर एवं मारपीट कर मामले को शांत कराने की कोशिश की लेकिन छात्र नेता मानने को तैयार नहीं हुए और लगातार राज्यपाल के विरोध में नारे लगाते रहे. स्थिति ऐसी हो गई कि पुलिस पदाधिकारियों के द्वारा छात्र नेताओं को जबरन पकड़कर एवं धक्के देकर किसी तरह विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर ले जाया गया. हंगामा के बीच राज्यपाल कुछ पल के लिए रूकने के बाद भी अपना संबोधन पूरा किये.

हंगामा के बाद अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि हंगामा और नारेबाजी से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है. मैं सभी लोगों से मिलता हूं. कोई नाराजगी थी तो मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि इतने विद्वान लोगों की भीड़ में दो चार लोगों का यह रवैया बताता है कि वह छात्र नहीं है. छात्र पहले अनुशासित होते है.

नौ छात्र नेता कार्यक्रम स्थल से हुए गिरफ्तार

समारोह स्थल से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री अभिषेक यादव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुजीत सान्याल, एमएलटी कॉलेज सहरसा के छात्रसंघ अध्यक्ष नंन्हे सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आमोद आनंद, विश्वविद्यालय संयोजक सह सिनेट सदस्य भवेश झा, छात्र संघ के महासचिव आशीष, मनीष कुमार, शशि यादव, रौशन कुंवर को गिरफ्तार कर पुलिस वाहन में बैठाकर उसे थाना ले जाया गया. मौके पर एसएफएस सह प्रांत प्रमुख राजू सनातन, सीनेट सदस्य रंजन यादव एवं जिला संयोजक सौरव यादव ने कहा कि राज्यपाल फागू चौहान के कारण बिहार के सभी विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार चरम पर है.

राजपाल के द्वारा मगध विश्वविद्यालय, तिलकामांझी विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय समेत सभी विश्वविद्यालय में भ्रष्ट एवं अनैतिक लोगों की नियुक्ति लेने से भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है. इतना ही नहीं अभी हाल में ही कुछ दिन पहले सीबीआई ने जिसे भ्रष्टाचार के आरोप में दो वर्षों तक जेल भेजा था, उसे मुंगेर विश्वविद्यालय का कुलसचिव के पद पर नियुक्त करके भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि बिहार के अमूमन सभी विश्वविद्यालय की स्थिति ऐसी है कि जहां कुलपति है तो प्रति कुलपति नहीं है. जहां दोनों हैं, वहां कुलसचिव नहीं है और जहां तीनों हैं, वहां पर केवल और केवल भ्रष्टाचार ही है. बिहार के एक-एक महाविद्यालय में भ्रष्टाचार को जड़ तक पहुंचाने में कुलाधिपति सह राज्यपाल फागु चौहान एवं राजभवन के अधिकारियों का हाथ है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राजभवन में छात्र-छात्राओं की समस्याओं से संबंधित विषय पर शिकायत किया जाता है अथवा भ्रष्टाचार को लेकर किसी भी प्रकार का पत्राचार करने पर, कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है, बल्कि भ्रष्टाचार के मामलों को राजभवन के अधिकारियों के द्वारा दबाया जाता है. कोई जांच एजेंसी राज्य सरकार के आदेश पर जांच करती है तो राजभवन के द्वारा इसे रोक कर भ्रष्टाचार एवं अनैतिक लोगों का संरक्षण किया जाता है. जिसके कारण बिहार की उच्च शिक्षा का बेड़ा गर्क हो गया है.

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