मुजफ्फरपुर नाव हादसा: बागमती उगलने लगी लापता मासूमों के शव, नाविक ने बताया कैसे डूबी नाव और कहां हुई थी चूक..
Boat Accident In Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए नाव हादसे में करीब एक दर्जन लोग अभी तक लापता हैं जिनकी खोज की जा रही है. दूसरे दिन शुक्रवार को मासूम का शव बरामद किया गया. वहीं नाविक ने बताया कि कैसे पूरा हादसा हुआ और चूक कहां हुई थी..
Boat Accident In Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट प्रखंड के भटगामा घाट पर बागमती नदी में गुरुवार की सुबह एक नाव पलट गयी. इस हादसे में मधुरपट्टी गांव से सवार होकर आये 32 लोग नदी में डूबने लगे. इनमें करीब 20 लोगों को बचा लिया गया था जबकि 12 लोग लापता हो गए थे. आज दूसरे दिन भी लापता लोगों की खोज जारी है. नाव में कई बच्चे भी सवार थे जो स्कूल जा रहे थे. शुक्रवार को हो रहे रेस्कयू ऑपरेशन के दौरान शव बरामद होने लगे हैं. खबर लिखे जाने तक एक बच्चे का शव बरामद कर लिया गया.
एक बच्चे का शव बरामद, लापता लोगों की खोज जारी..
मुजफ्फरपुर के भटगामा गांव में नाव हादसे के दूसरे दिन लापता लोगों की खोज जारी है. शुक्रवार को एक बच्चे का शव बरामद किया गया. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही गोताखोरों की टीम रेस्क्यू में जुटी है. भारी संख्या में प्रशासन, जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग मौके पर मौजूद हैं.
नाविक ने बतायी पूरे हादसे की कहानी..
नाव हादसे के बारे में नाविक हरि किशोर सहनी ने प्रभात खबर को बताया कि मधुरपट्टी गांव के लोगों को वो रोजाना नाव से भटगामा ले जाते है. गुरुवार को 10 वीं का फॉर्म भराने व राशन बांटने के कारण सुबह में घाट पर काफी लोगों की भीड़ हो गयी. वह नाव तैयार किया तो करीब 30 से 32 लोग सवार हो गये. उसने कहा कि वह दूसरी खेप में आकर ले जायेंगें. कुछ लोग नीचे उतर जाये. लेकिन, कोई उतरने को तैयार नहीं हुआ. वह धीरे- धीरे नाव लेकर मधरपट्टी घाट से निकला. नदी के इस – पार से उस पर बांधे गये रस्सी की मदद से बागमती की तेज धारा को धीरे- धीरे काटते हुए भटगामा घाट की ओर बढ़ा.
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जब घाट से टकरायी नाव, डूबने लगे लोग..
नाविक ने बताया कि जैसे ही घाट के करीब नाव लेकर पहुंचा कि अचानक नदी के तेज बहाव के कारण घाट से काफी जोर से नाव टकरायी. रस्सी टूटते ही वह नदी में फेंका गया . किसी तरह से वह नाव को कंट्रोल करता रहा. औरत व बच्चों को धैर्य रखने के लिए कहा. लेकिन, धीरे- धीरे उनका हिम्मत जवाब देने लगा. उनके नाव पर इधर – उधर करने से नाव में पानी भरा और नाव पलट गयी. तीन चार लोग उसको ही पकड़ लिया. वह भी डूबने लगा. किसी तरह से दो तीन लोगों को वह नदी से बचाकर बाहर निकाला. लेकिन, बहाव तेज होने के कारण काफी तेजी से नदी में आगे बढ़ते चले गए. अचानक नदी में गिरने के कारण उसको काफी चोट भी आयी थी. लेकिन, हिम्मत नहीं हारी और लोगों की जान बचायी. देर शाम तक वह अपने छोटे भाई राजू सहनी के साथ नदी में डूबे स्कूली बच्चों व महिलाओं की तलाश में जुटा रहा.
डूब रहे लोगों के पीछे- पीछे बचाने के लिए नदी कूदे स्थानीय गोताखोर
बागमती में तेज बहाव होने के कारण डूब रहे लोगों को बचाने में काफी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. तेज बहाव के साथ डूब रहे लोग आगे बढ़ते जा रहे थे. वहीं, उनके पीछे- पीछे दोनों तरफ से दर्जनों युवक अपनी जान की परवाह किये बिना नदी में कुछ गये. डूब रहे लोगों के पीछे- पीछे नाविक भी तेजी से आ रहे थे. कई लोगों को बचाकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया. लेकिन, बाकी बीच धारा में फंसने के कारण डूब गए. स्थानीय लोगों के रेस्क्यू का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें सिर्फ यही पूछा जा रहा था कि आपको तैरना आता है, जल्दी नदी में कूद जाइए और जान बचाओ. इस में वीडियो में कैसे नाविक लोगों की जान बचाने की मशक्कत कर रहा है, यह भी दिख रहा है.
2002 में एक ही परिवार की पांच लोगों की डूबने से हो गयी थी मौत
मधुरपट्टी – भटगामा घाट पर हर साल बागमती में डूबने से दो – चार लोगों की मौत होती रहती है. लेकिन, 2021 में इसी घाट पर नाव पलटने से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गयी थी. सभी लोग माहावीरी झंडा देखकर वापस लौट रहे थे. 21 साल बाद गुरुवार को हुई भीषण नाव हादसा के बाद लोगों को उस घटना की याद आ गयी. लोगों का कहना था कि इस घाट का यह सबसे बड़ा हादसा है. प्रशासन को जल्द से जल्द कुछ ठोस उपाय करना चाहिए.