बिहार: मुजफ्फरपुर नाव हादसे में 7 लोग अभी तक लापता, जानिए चिराग पासवान ने क्यों सीएम नीतीश को लगा दिया फोन…

बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए नाव हादसे में लापता दर्जन भर लोगों में 7 लोगों का अभी तक कोई अता-पता नहीं है. शनिवार को एक किशोरी का शव बरामद किया गया. वहीं 7 लोगों के परिजनों का अभी तक इंतजार जारी है. वहीं चिराग पासवान समेत कई जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंच रहे हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 18, 2023 7:34 AM
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Boat Accident In Bihar: मुजफ्फरपुर में बेनीबाद ओपी क्षेत्र के मधुरपट्टी-भटगामा घाट पर बागमती नदी में नाव पलटने से डूबे 7 लोगों की तलाश अभी भी जारी है. अंतिम शव शनिवार को ही बरामद किया गया था. वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम घटना के दिन से लगातार रेस्क्यू में जुटी है. वहीं इस घटना के शिकार बने परिवारों के घर पर मातम पसरा हुआ है. 12 लापता लोगों में पांच का शव मिलने के बाद अब बचे हुए सात लापता लोगों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं एक के बाद एक करके जनप्रतिनिधि भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर रहे हैं और उन्हें सांत्वना दे रहे हैं.

इन लोगों की तलाश अभी भी जारी..

लापता 12 लोगों में पांचवा शव शनिवार को ही बरामद हुआ है. काफी मशक्कत के बाद सुष्मिता कुमारी (16) का शव शनिवार को बरामद किया गया था. एनडीआरएफ की टीम को उसका शव घटनास्थल से साढ़े तीन किमी दूर भागवतपुर घाट के पास मिला. सुष्मिता का शव मिलने के साथ ही अब नदी में डूबे 12 लोगों में से पांच का शव बरामद कर लिया गया है. सात अन्य की तलाश अब तक जारी है. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के सात बोट की मदद से रविवार को भी पूरे दिन बागमती नदी में समस्तीपुर जिले के हायघाट तक तलाशी की गयी. अब भी डूबे रितेश कुमार (16), बेबी कुमारी (15), राधा कुमारी (14), कामिनी कुमारी (15) शाजदा परवीन (08), शिवजी चौपाल (60) और गीता देवी (55) के परिवार के लोग बागमती नदी किनारे बदहवास बैठे हुए हैं. पिछले चार दिनों से रो-रोकर परिवार के लोगों के आंखों के आंसू सूख गये हैं. कई माताओं की तबीयत बिगड़ गयी है. उनको डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है. एडीएम आपदा अजय कुमार, डीएसपी पूर्वी शहरियार अख्तर और एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट जयप्रकाश लगातार घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं. सुष्मिता के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके परिजन के हवाले कर दिया गया है.

शव बरामदगी में देरी होने से परिजनों का बढ़ रहा आक्रोश

नाव हादसे के बाद पिछले चार दिनों से बागमती नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन, अभी तक मात्र पांच शवों की ही बरामदगी हो पायी है. बाकी सात लोगों का अबतक सुराग नहीं मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ग्रामीण हादसे का जिम्मेदार जिले के नेता व प्रशासन के लोगों को मान रहे हैं. उनका कहना है कि पिछले 80 साल से मधुरपट्टी-भटगामा घाट पर पुल बनाने की डिमांड की जा रही है. लेकिन, उनकी लापरवाही के कारण पुल नहीं बन पाया जिस वजह से यह हादसा हुआ है.

गत शुक्रवार को चार शव बरामद किये गये थे

एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीम ने शुक्रवार को सुबह से शाम तक बागमती नदी में रेस्क्यू अभियान चलाकर चार शव बरामद किये थे. इसमें चार साल के मो. अजमत, मो. शमशुल, मो. वसीम और पिंटू कुमार शामिल थे. चारों के शव का पोस्टमार्टम गायघाट पीएचसी में करवाकर शव को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया.

चिराग पासवान ने सीएस को लगाया फोन

लोजपा (रामविलास ) पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद चिराग पासवान मधुरपट्टी-भटगामा नाव हादसे में डूबे लोगों के परिजनों से मिलने शनिवार को पहुंचे. मधुरपट्टी गांव में परिजनों का चीत्कार सांसद ने देखा. हादसे में जान गंवाने वाले मो. वसीम की मां ने चिराग पासवान का पांव पकड़ लिया और रोते-रोते बेहोश हो गयी. घटनास्थल पर मेडिकल टीम को नहीं देखकर चिराग पासवान ने सीधे सीएस को फोन लगाया. कहा कि इतना बड़ा हादसा हो गया है, आपकी मेडिकल टीम नहीं नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग डूबे हैं, उनके परिवार के लोग सदमे में हैं. उनकी भी तबीयत खराब है. इसके बाद सिविल सर्जन मेडिकल टीम के साथ पहुंचे. सिविल सर्जन ने कहा कि उनकी टीम लगातार कैंप कर रही है. वे खुद भी आये हैं. पीड़ित परिवार को इलाज में कोई परेशानी न हो, इसके लिए नदी के दोनों तरफ मेडिकल टीम की तैनाती की गयी है.

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