बोचहां उप चुनाव (Bochahan Vidhansabha Upchunav) में भाजपा (BJP) प्रत्याशी बेबी कुमारी को करारी मात मिली है. राजद (RJD) प्रत्याशी अमर पासवान ने उन्हें 36,653 मतों हराया. राजद को यहां 82,562 मत मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी बेबी कुमारी को 45,909 वोट मिले. उपचुनाव में भाजपा की यह हार कोई आश्चर्यजनक नहीं है. उपचुनाव की घोषणा के बाद से एनडीए यहां दो गुटों में बंटी दिख रही थी. जबकि राजद एकजूट था. इससे चुनाव के समय से ही यह कयास लगाया जाने लगा था कि बोचहां में एनडीए फंस सकती है और ऐसा ही हुआ.
दरअसल, विधानसभा उपचुनाव की घोषणा के बाद एनडीए आपस में लड़ रही थी.पार्टी दो गुटों में बंट गई थी. पार्टी में राम सूरत राय और अजय निषाद के बढ़ते कद से मुजफ्फरपुर के एक वर्ग के नेता खास नाराज चल रहे थे. पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा और अजीत कुमार के लोगों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल के सामने इसको लेकर विरोध किया था. इस विरोध के कारण बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल को बीच सभा छोड़कर जाना पड़ा था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल भी अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि व्यक्तिगत नाराजगी और व्यक्तिगत सहानुभूति हम लोगों की मेहनत पर भारी पड़ गई.
इसके बाद भी इसकी गंभीरता को पार्टी नहीं समझ पायी.इससे नाराज बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने खुलकर और सुरेश शर्मा फोन से अपने लोगों को बताया कि कैसे बीजेपी उनके समाज के लोगों को किनारे करने में लगी है. इधर, तेजस्वी यादव बीजेपी से नाराज लोगों को यह समझाने का प्रयास किया कि राजद अब ए टू जेड लोगों की पार्टी है. विधान परिषद चुनाव में सवर्णो की भागीदारी की चर्चा करते हुए उन्होंने बीजेपी से नाराज समाज के लोगों को भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हमेशा खड़े रहेंगे और उनका समर्थन लेने में सफल हो गए.
दिल्ली में अजय निषाद और चिराग पासवान के बीच बातचीत के बाद लोजपा अपना प्रत्याशी तो यहां नहीं दी. लेकिन, बीजेपी ने इसके बाद जिस प्रकार से चिराग पासवान को दिल्ली स्थित उनके घर से बाहर निकाला उससे उनके समाज के लोग बीजेपी से नाराज हो गए. उन लोगों ने भी बीजेपी के खिलाफ वोटिंग किया. बीजेपी अति आत्म विश्वास में चिराग को अपने पक्ष में करने का भी प्रयास नहीं किया. यह भी बीजेपी के लिए हार का एक कारण बनी.
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी अपने लोगों को यह समझाने में सफल रहे कि कैसे बीजेपी उनके साथ अन्याय किया है. दलितों का अपमान किया है. उनको इस अभियान में पूर्व मंत्री रमई राम का भी साथ मिला. जिससे समाज का यह वर्ग बीजेपी से नाराज हो गया और वे लोग वीआईपी और राजद को अपना वोट दिए. इसके कारण बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा.