सीएम ने बोधगया मंदिर के नये कार्यालय भवन का किया उद्घाटन, जानिए क्या है इस नए भवन की खासियत
भवन की बाहरी दीवारें महाबोधि मंदिर के शिखर शैली स्थापत्य से प्रेरित हैं. भवन की स्थापत्य की संरचना इस उद्देश्य से की गयी है कि महाबोधि मंदिर स्पष्ट रूप से दिखाई दे.
बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के नये कार्यालय भवन का सीएम नीतीश कुमार ने फीता काट कर उद्घाटन किया. सीएम के साथ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. शुक्रवार की दोपहर बोधगया पहुंचे सीएम व डिप्टी सीएम ने सवसे पहले महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना की व उसके बाद नये भव का उद्घाटन किया. इस अवसर पर बौद्ध भिक्षुओं ने सुत्तपाठ किया व सीएम ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन का शिलापट्ट का लोकार्पण किया. उद्घाटन के मौके पर बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का संदेश का वीडियो भी चलाया गया, जिसे सीएम व अन्य मौजूद लोगों ने देखा.
भवन के विभिन्न हिस्से व सुविधाएं आदि के बारे में सीएम ने जानकारी ली और महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित पितृपक्ष की समीक्षा बैठक के लिए रवाना हो गये. उद्घाटन के अवसर पर कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, सहकारिता मंत्री डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव, अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही बीटीएमसी की सचिव डॉ महाश्वेता महारथी, सदस्य डॉ अरविंद कुमार सिंह, किरण लामा व अन्य मौजूद थे. इस मौके पर मगध के आयुक्त मयंक बरवड़े, डीएम सह बीटीएमसी अध्यक्ष डॉ त्यागराजन व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. महाबोधि मंदिर के मुख्य पुजारी व केयर टेकर के नेतृत्व में पूजा व उद्घाटन का आयोजन किया गया. महाबोधि मंदिर के उत्तर- पश्चिम दिशा में पुराने बीटीएमसी कार्यालय भवन के स्थल पर नया भवन 10 करोड़ 20 लाख की लागत से बनाया गया है. इस भवन का शिलान्यास 16 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था.
नये भवन की क्या है खासियत
भवन की बाहरी दीवारें महाबोधि मंदिर के शिखर शैली स्थापत्य से प्रेरित हैं. भवन की स्थापत्य की संरचना इस उद्देश्य से की गयी है कि महाबोधि मंदिर स्पष्ट रूप से दिखाई दे. भवन के त्रिकोणात्मक प्रवेश द्वार में घुसते ही महाबोधि मंदिर का ऊपरी शिखर भाग सामने बनी 30 फीट ऊंची शीशे के दीवार से नजर आता है. भवन में प्रवेश करने के साथ एक दो हजार स्क्वायर फुट खुला प्रार्थना प्रांगण है, जिसमें लगभग 100 व्यक्ति बैठ सकते हैं. सामने ही उच्च प्लेटफार्म पर बहता पानी के बीच पंचशील के पांच स्वर्णिम कमल के नीचे बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है. प्रार्थना प्रांगण के ऊपर बने शीशे की छत से खुला नीला आकाश साफ दिखाई देता है और सामने महाबोधि मंदिर भी. पूरे भवन में कुल 25 कमरे हैं. हर कक्ष का नाम बौद्ध स्थलों व सिद्धांतों पर रखा गया है, जैसे संथागार, मेत्ता, करुणा, परमिता, प्रज्जा, राजगृह इत्यादि. यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है और भवन के चारों ओर परिक्रमा पथ है. चहारदीवारी के अंदर 10 गाड़ियों व 50 मोटरसाइकिल के लगाने के लिए पार्किंग भी बनाया गया है.