Bodh Mahotsav 2024: बिहार के गया में स्थित बोधगया भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली है. यहां शुक्रवार को बौद्ध महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इससे पहले गुरुवार को ठिठुरन भरी ठंड में ज्ञान यात्रा निकाली गई है. बौद्ध श्रद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के मार्ग पर चलकर ज्ञान यात्रा निकाली है. इसी रास्ते पर चलकर बौद्ध श्रद्धालु भी बोधिवृक्ष के नीचे पहुच गए हैं. अलग- अलग देशों के लोग इसमें शामिल हुए है. यात्रा में शामिल होकर विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं ने विश्व शांति का संदेश दिया है. बोधगया में यह यात्रा ढुङ्गेश्वरी पहाड़ी से शुरू हुई है. सभी श्रद्धालुओं ने गुफा पर इकट्ठा होकर ढुंगेश्वरी पहाड़ी से लेकर बोधगया महाबोधि मंदिर तक ज्ञान यात्रा निकाली. इस यात्रा में कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु और आम नागरिक शामिल हुए है.
बोधगया में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव का आयोजन पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से किया जाता है. इस बार भी ऐसा ही हो रहा है. बौद्ध महोत्सव के एक दिन पूर्व गुरुवार को ज्ञान यात्रा निकाली गई है. यह कार्यक्रम बौद्ध महोत्सव के समय में काफी पहले से चल रहा है. इस कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षुओं के साथ अलग- अलग देशों के बौद्ध भक्त और इस धर्म को मानने वाले लोग शामिल हुए. बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति वाले मार्ग पर ज्ञाना यात्रा में चलकर काफी खुश दिख रहे थे. इस शांति और ज्ञान मार्च में हजारों बौद्ध श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस यात्रा के दौरान कई बौद्ध श्रद्धालुओं की ओर से बौद्ध धर्म का मंत्रोच्चार करते हुए जाप करते हैं. बुद्धम शरणम गच्छामि’ के श्लोक से यह मार्ग गुंजायमान रहता है. इसलिए यह यात्रा काफी प्रेरणादायक और विशेष अनुभूति प्रदान करने वाली मानी जाती है. इसमें देश और विदेश के हजारों श्रद्धालु अपनी संस्कृतियों के साथ शामिल होते हैं. यहां से लोग विश्व को शांति का संदेश देते है. यहां ज्ञान यात्रा के दौरान शांति भी देखने को मिली है.
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ज्ञान यात्रा में जापान,थाईलैंड, बांगलादेश, वियतनाम, तिब्बत, कंबोडिया, कोरिया व म्यांमार के बौद्ध भिक्षु तथा आम लोग इकट्ठा हुए. इन्होंने नौ किलोमीटर की यात्रा की है. इन्होंने ज्ञान पथ पर चलकर दुनियां को मानवता और भाईचारे का संदेश दिया है. सुबह आठ बजे ढुंगेश्वरी पहाड़ी से ज्ञान यात्रा निकली. इस रास्ते में पड़ने वाले गांव के ग्रामीण और स्कूली छात्राओं ने यात्रा में शामिल लोगों का फूलों से स्वागत किया. बताया जाता है कि बौद्ध महोत्सव के दौरान ढुंगेश्वरी पहाड़ी (प्रागबोधि) से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा निकाली जाती है, मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध इसी मार्ग से बोधगया पहुंचे थे. ढूंगेश्वरी गुफा में छह वर्ष कठिन तपस्या करने के बाद इस रास्ते से चल कर बोधगया पहुंचे और बोधिवृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था. यह रास्ता महत्पूर्ण सांस्कृतिक विरासत है. यात्रा निकलने के पूर्व महायानी और थेरावादी बौद्ध भिक्षुओं ने शांति पाठ किया. ज्ञान यात्रा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है. इसी कारण से इस रास्ते पर ज्ञान यात्रा और शांति मार्च निकाली जाती है. बौद्ध महोत्सव का आयोजन 19 फरवरी से किया जा रहा है. इसके लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. यह महोत्सव 21 फरवरी तक चलेगी. यहां कई तरह के स्टॉल लगाए जाएंगे. साथ ही विदेश से आए कलाकार भी यहां प्रस्तुति देंगे. यहां तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. देश के बाहर के कलाकार के साथ ही यहां राज्य के बाहर से पहुंचे कलाकार भी आएंगे और लोगों को कला की प्रदर्शनी देंगे.