बोधगया के जेपी उद्यान में तैयार होगा तितली प्रजनन व संरक्षण केंद्र, बनेगा 250 फुट का गार्डेन बेड

Bodhgaya Jaypee Garden: बोधगया के जय प्रकाश उद्यान में तितली प्रजनन व संरक्षण केंद्र का निर्माण किया जायेगा. वन विभाग ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है. यूएसएआइडी के सहयोग से बीते दिनों उद्यान में वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार की देखरेख में तितली संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2021 11:37 AM

Bodhgaya Jaypee Garden: बोधगया के जय प्रकाश उद्यान में तितली प्रजनन व संरक्षण केंद्र का निर्माण किया जायेगा. वन विभाग ने इसके लिए पहल शुरू कर दी है. यूएसएआइडी के सहयोग से बीते दिनों उद्यान में वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार की देखरेख में तितली संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस दौरान वहां 20 प्रजातियों की कुल 88 तितलियां पायी गयीं. अब इनके संरक्षण पर काम शुरू किया जायेगा.

शोधार्थी टीम के सदस्य दानिश मसरुर ने बताया कि जेपी उद्यान में लगभग 250 फुट का लंबा गार्डेन बेड तैयार किया जा रहा है. इसमें 5000 छोटे फलदार व फूलदार पौधे लगाये जायेंगे. इनमें अधिकतर फूल के पौधे होंगे, जहां तितलियां प्रजनन कर सकेंगी. दानिश ने बताया कि उद्यान के अंदर ही वन विभाग की लेबोरेटरी भी तैयार होगी. यहां तितलियों पर शोध किया जा सकेगा.

शोधार्थी यहां समय- समय पर आयेंगे और उद्यान में मौजूद तितलियों की स्थिति की जानकारी ले सकेंगे. तितलियों के संरक्षण व प्रजनन के लिए तैयार किये जा रहे गार्डेन बेड की ओर लोगों के आने-जाने पर रोक होगी, ताकि तितलियों को सुरक्षित रखा जा सके. तितलियों के संरक्षण को लेकर शुरू हुई. कोशिश में बिहार व दूसरे राज्यों के भी शोधार्थी शामिल हुए. इनमें अरजन बासु राय, अरचन पॉल, स्वपना विश्वास, आरको पॉल व अन्य थे.

इनके अलावा मगध विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ सिद्धनाथ प्रसाद यादव के निर्देश पर विभाग के पीएचडी कोर्स वन के विद्यार्थी मो दानिश मसरूर, मेधावी मधु, विकास कुमार साहु, राकेश कुमार, मनु मंजुला, दीप माला कुमारी, स्नेहा भारती भी कार्यशाला में शामिल हुए.

कार्यशाला में मिली थी 20 प्रकार की प्रजातियों की मौजूदगी

कार्यशाला के दौरान शोधार्थियों ने पाया कि जेपी उद्यान गार्डेन लिजार्ड व ऐसे कई पक्षी हैं, जिनके तितिलियों का लार्वा भोजन है. शोध के पहले दिन जिन जगहों पर लार्वा देखा गया था. दूसरे दिन वहां लार्वा मौजूद नहीं था. इससे स्पष्ट है कि प्रीडेटर से तितलियों और लार्वा को सुरक्षित रखना एक चुनौती होगी. इसके लिए भी एक प्लानिंग करनी होगी, ऐसा नहीं हो सका तो तितलियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो सकेगी.

तितली की प्रजाति संख्या

लेमन एमिग्रेट 07, पिकॉक पैंसी 05, ग्रास ब्लू 24, लेमन पैंसी 02, चॉकलेट पैंसी 02, कॉमन जे 03, टेल्ड जे 04, बुश ब्राउन 02, कमांडर 02, ग्रेट एगफ्लाइ 03, कॉमन ग्रास येलो 04, प्लेन टाइगर 03, स्वीफ्ट 12, पॉम फ्लाइ 06, टॉनी कैस्टर 02, कॉमन क्रो 02, ब्लू मुरमुन 01, लाइम ब्लू 01, एप फ्लाइ 01, पी क्यूपिड 02 शामिल है.

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