पटना. राजधानी के कदमकुआं थाने में एक बड़ा मामला सामने आया है. पंचायती राज विभाग के एक करोड़ 48 लाख 82 हजार 307 रुपये पचास पैसे की पुस्तकें व लिफलेट गायब हो गयी हैं. ये पुस्तक जिलों में देने के लिए रवाना तो हुई, लेकिन नहीं पहुंची. इसकी जानकारी तब हुई जब सरकारी पुस्तक छापने वाले पटना ऑफसेट प्रेस के सीइओ शैलेश कुमार सिंह को फोन आया कि डिलिवर पुस्तकें नहीं पहुंचीं. जब सीइओ ने डिलिवरी करने वाले ट्रांसपोर्टर को फोन किया, तो उसने कोई जानकारी नहीं दी. सीइओ ने ट्रांसपोर्टर के खिलाफ कदमकुआं थाने में सरकारी पुस्तक गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी है.
दर्ज प्राथमिकी में सीइओ ने कहा है कि ये सभी पुस्तकें चार जिलों मधुबनी, बेगूसराय, दरभंगा और गया में भेजी जानी थी. उन्होंने बताया कि ये सभी पुस्तकें कुल 12 जिलों के प्रखंडों में पहुंचाने का आदेश दिया गया था, जिसमें से शेष चार जिलों में डिलिवरी करना बाकी था. पुस्तक छाप कर आपूर्ति के लिए मेसर्स यश वारिया सर्विसेस (ट्रांसपोर्टर) के मालिक पंकज कुमार को लिखित आदेश गया था. उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्टर के द्वारा आपसी सहमति के साथ हस्ताक्षर करा कर हमारे कार्यालय को जमा किया गया था.
उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों के लिए पांच प्रकार की पुस्तकों का ऑर्डर हमारे प्रेस को दिया गया था. ये सभी पुस्तक पंचायत प्रतिनिधियों, सदस्यों, वार्ड सदस्यों व मुखिया समेत अन्य जनप्रतिनिधियों में वितरण करना था. 12 जिलों के प्रखंडों में आठ जिलों में तो ये पुस्तकें तो पहुंच गयी, शेष चार जिलों में डिलिवरी नहीं दी गयी. अब पुलिस इस बात कि जांच कर रही है कि आखिर इन जिलों को भेजी गयी पुस्तक कहां गायब हो गयी.
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