प्रमोद झा,पटना. पटना में गंगा किनारे रिवर फ्रंट को कटाव से बचाने के लिए बोल्डर पीचिंग होगी. घाट किनारे से छह मीटर की दूरी तक बोल्डर पीचिंग कर सुरक्षा दी जायेगी. एएन सिन्हा संस्थान से नौजर घाट तक 7.6 किलोमीटर तक घाट किनारे-किनारे सुरक्षा कवच बनाया जायेगा. आइआइटी रूड़की के इंजीनियरिंग विशेषज्ञों के सुझाव पर यह काम होना है.
जानकारों के अनुसार बाढ़ के समय गंगा में पानी अधिक होने से घाट की सीढ़ियों पर पानी बहता है. इस दौरान पानी का बहाव तेज होने से घाट की सीढ़ियों के नीचे की मिट्टी का कटाव होता है. इससे घाट किनारे कहीं-कहीं काफी गड्ढा होने से बाढ़ के समय खतरा बना रहता है. तेज बहाव का असर सीढ़ियों पर होने से जगह-जगह सीढ़ियां टूटती हैं. सूत्र ने बताया कि गंगा रिवर फ्रंट के बचाव के लिए ही बोल्डर पीचिंग होनी है. गंगा पथ के निर्माण में घाट किनारे बोल्डर पीचिंग का प्रावधान है.
बिहार राज्य पथ विकास निगम की ओर से घाट किनारे बोल्डर पीचिंग का काम महेंद्रू घाट से शुरू हो गया है. गंगा नदी में पानी बढ़ने से पहले नौजर घाट तक इसे पूरा करने की योजना है. ताकि बरसात में बोल्डर पीचिंग के काम में परेशानी नहीं हो. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि बोल्डर पीचिंग का काम करने के साथ उसे सीमेंटेड किया जायेगा. इससे बोल्डर एक दूसरे से अटैच रहेंगे. लोगों को उस पर चलने में भी सुविधा होगी. बाढ़ के समय गंगा नदी में पानी अधिक होने पर भी बोल्डर पीचिंग के कारण खतरा कम रहेगा.
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जेपी गंगा पथ में दीघा से एएन सिन्हा संस्थान तक 5.6 किलोमीटर तक बांध पर सड़क तैयार है. बांध को बचाने के लिए बोल्डर पीचिंग का काम पूरा हो गया है. एएन सिन्हा संस्थान से आगे एलिवेटेड रोड है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि गंगा पथ के निर्माण में घाट किनारे बोल्डर पीचिंग का प्रावधान था. दीघा से नौजर घाट तक 13.5 किलोमीटर हिस्से में नवयुगा एजेंसी काम कर रही है. एजेंसी को ही बोल्डर पीचिंग करनी