Coronavirus News: कोरोना ठीक होने वालों को पकड़ रहा बीपी शुगर, नहीं कुछ तो बना रहा मानसिक रोगी

bihar coronavirus update: कोरोना वायरस शरीर से भले ही निकल जा रहा है लेकिन यह अपने पीछे गहरे जख्म दे जा रहा है. मालवीय नगर की एक 42 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमण के दौरान घर में रहकर ही ठीक तो हो गयीं, लेकिन वह चिड़चिड़ी हो गयी हैं. उन्हें कभी हाइ ब्लड प्रेशर या शूगर की दिक्कत नहीं थी लेकिन, अब शूगर का लेवल 200 और ब्लड प्रेशर 180/100 हो गया है. डॉक्टर ने शूगर और ब्लड प्रेशर की दवा शुरू कर दी है. चिड़चिड़ेपन के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ को इलाज के लिए रेफर किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 30, 2021 4:26 PM

कोरोना वायरस शरीर से भले ही निकल जा रहा है लेकिन यह अपने पीछे गहरे जख्म दे जा रहा है. मालवीय नगर की एक 42 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमण के दौरान घर में रहकर ही ठीक तो हो गयीं, लेकिन वह चिड़चिड़ी हो गयी हैं. उन्हें कभी हाइ ब्लड प्रेशर या शूगर की दिक्कत नहीं थी लेकिन, अब शूगर का लेवल 200 और ब्लड प्रेशर 180/100 हो गया है. डॉक्टर ने शूगर और ब्लड प्रेशर की दवा शुरू कर दी है. चिड़चिड़ेपन के लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ को इलाज के लिए रेफर किया गया है.

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए राजेंद्र नगर के 12 वर्षीय राकेश थोड़ी दूर चलने में ही हांफने लग रहे हैं. कमजोरी के कारण कमर के निचले हिस्से में हमेशा दर्द बना है. सीने में भारीपन बना रहता है. डॉक्टर इसकी वजह सीने में हुए कोरोना के संक्रमण को बताते हैं. कहते हैं कि फाइब्रोसिसस के कारण फेफड़ा सिकुड़ गया है. इसका एकमात्र इलाज फिजियोथेरेपी, योग और व्यायाम है. अब राकेश फिजियोथेरेपिस्ट के पास रोज जा रहे हैं.

अब भी कोरोना होने का सता रहा डर- कोरोना संक्रमण से ठीक हुए कई लोगों को अब भी कोरोना होने का डर सता रहा है. कोई डाॅक्टर से कह रहा है कि मुंह और नाक के रास्ते फिर वायरस उसके शरीर में आ रहा है, तो बता रहा है कि जितनी घबराहट अब हो रही है वैसी कभी जीवन में नहीं हुई थी.

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इन अंगों पर पड़ा असर, आ रही दिक्कत- कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक असर दिल, दिमाग, मांसपेशियां, धमनियां, नस, आंख, पेट आदि पर पड़ा है. इसकी वजह से कमजोरी, ज्यादा काम करने से थकान और आॅक्सीजन का स्तर कम होना, भूख नहीं लगना, नींद बहुत आना या बिल्कुल भी न आना, सीने में भारीपन, अचानक शूगर बढ़ना, ब्लड प्रेशर बढ़ना, शरीर में दर्द, शरीर का हल्का गर्म रहना लेकिन थर्मामीटर में बुखार नहीं आना, घबराहट, हार्ट अटैक, डिप्रेशन, रक्त का थक्का जमना, पेट में मरोड़, डायरिया, ब्लैक फंगस आदि दिक्कत आ रही है.

यह करें- फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सुजीत कुमार ने बताया कि बीमारी में खुश रहें, कोरोना संक्रमण से डरें नहीं क्योंकि एक बार कोरोना हो जाने के बाद शरीर में एंटीबाडी बन जाती है. इस कारण दोबारा तत्काल इसके संक्रमण की आशंका कम होती है. कमजोरी दूर करने के लिए पौष्टिक खान-पान लें, जरूरत भर व्यायाम, योग करें और टहलें.

तनाव मुक्त रहना बहुत जरूरी- नोयडा के जेपी अस्पताल में कार्यरत गोपालगंज के रहने वाले नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ रवि सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए कई लोगों में स्ट्रेट इंड्यूस्ड हाइपरग्लाइसीमिया यानी तनाव से शूगर बढ़ने और स्ट्रेट इंड्यूस्ड इरिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी तनाव के कारण पेट की समस्या के मामले सामने आ रहे हैं. इन सबके पीछे बड़ी वजह तनाव है. जो पहले शूगर और ब्लड प्रेशर के बाॅर्डर लाइन पर थे, अब मरीज बन चुके हैं. कोरोना के कारण लोगों ने टहलना, व्यायाम करना और भोजन पर नियंत्रण छोड़ दिया है. इसका भी प्रभाव दिख रहा है.

Posted By: Avinish kumar mishra

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