BPSC 68th PT: बिहार के 805 केंद्रों पर 4.34 लाख अभ्यर्थी देंगे परीक्षा, इस बार बदला रहेगा एग्जाम पैटर्न
बीपीएससी की 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 12 फरवरी को राज्य के सभी 38 जिलों में आयोजित की जायेगी. इसमें प्रदेश के 805 परीक्षा केंद्रों पर 4.34 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे, जिनमें 1.50 लाख लड़कियां और सात हजार दिव्यांग परीक्षार्थी भी शामिल होंगे.
बीपीएससी ने 68वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली है. बीपीएससी कार्यालय में सोमवार को सभी जिलों से आये नोडल ऑफिसर को परीक्षा पद्धति में बदलाव की जानकारी दी गयी. इसमें एडीएम रैंक के इन नोडल अधिकारियों ने मंगलवार को अपने जिले में परीक्षा कार्य से संलग्न अधिकारियों को परीक्षा पद्धति में बदलाव के साथ-साथ उन्हें नयी परीक्षा पद्धति की विशेषता और इसके संचालन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया.
805 परीक्षा केंद्रों पर होगी परीक्षा
12 फरवरी को आयोजित यह परीक्षा राज्य के सभी 38 जिलों में आयोजित की जायेगी. इसमें प्रदेश के 805 परीक्षा केंद्रों पर 4.34 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे, जिनमें 1.50 लाख लड़कियां और सात हजार दिव्यांग परीक्षार्थी भी शामिल होंगे. परीक्षा के लिए 28 जनवरी से अभ्यर्थी अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर रहे हैं. रिक्तियों की कुल संख्या 324 है.
पटना में बनाये गये 59 केंद्र, शामिल होंगे 39 हजार परीक्षार्थी
पटना में 39033 अभ्यर्थी शामिल होंगे. इसके लिए 59 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. परीक्षा शहर में ही आयोजित की जायेगी. अन्य जिलों में भी इस बार अधिकतर सेंटर जिला मुख्यालय में ही दिये गये हैं. परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी. एक गलत जवाब देने पर 0.25 अंक काट लिया जायेगा. ओएमआर शीट पर व्हाइटनर या इरेजर चलाने पर भी निगेटिव मार्किंग है. इन्हें परीक्षा केंद्र के अंदर ले जाना भी मना है.
11 बजे के बाद नहीं होगा परीक्षा केंद्र में प्रवेश
अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर 9:30 बजे सुबह से प्रवेश दिया जायेगा. परीक्षा प्रारंभ होने के एक घंटा पहले प्रवेश बंद कर दिया जायेगा. परीक्षा 12 बजे शुरू होगी. इसके लिए प्रवेश 11 बजे तक ही दिया जायेगा. परीक्षा दो बजे समाप्त होगी. परीक्षा समाप्त होने के बाद अभ्यर्थी के समक्ष ही ओएमआर शीट को सील किया जायेगा. इसके बाद ही अभ्यर्थी को परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति दी जायेगी.
कदाचार में पकड़े जाने पर पांच साल तक नहीं दे पायेंगे परीक्षा
अभ्यर्थी किसी भी तरह की अफवाह फैलाते पकड़े गये, तो उन पर कार्रवाई होगी. उन्हें तीन साल तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया जायेगा. इसकी जानकारी सभी स्टेट बोर्ड व यूपीएससी को भेज दी जायेगी. वहीं, कदाचार के आरोप में पकड़े गये अभ्यर्थियों को पांच साल तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया जायेगा.