बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर BPSC और शिक्षा विभाग की बैठक, भर्ती प्रक्रिया और पैटर्न पर हुआ मंथन
बिहार लोक सेवा आयोग को परीक्षा का पैटर्न तय करना है. साथ ही आयोग को अध्यापकों के चयन की जिम्मेदारी भी दे दी गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संदर्भ में हरी झंडी दे दी है, हालांकि इसका औपचारिक आदेश अगले एक दो दिन में जारी हो जायेगा.
बिहार के सरकारी स्कूलों में विद्यालय अध्यापकों की भर्ती के मुद्दे पर बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच शुक्रवार को बैठक हुई. आयोग कार्यालय में हुई बैठक में बीपीएससी और शिक्षा विभाग के शीर्ष अफसरों के बीच करीब दो घंटे विचार मंथन हुआ. शिक्षा विभाग की तरफ से इस बैठक में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह उपस्थित रहे.
सूत्रों के मुताबिक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया और पैटर्न आदि पर प्रारंभिक विचार मंथन किया गया. दरअसल बिहार लोक सेवा आयोग को परीक्षा का पैटर्न तय करना है. साथ ही आयोग को अध्यापकों के चयन की जिम्मेदारी भी दे दी गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संदर्भ में हरी झंडी दे दी है, हालांकि इसका औपचारिक आदेश अगले एक दो दिन में जारी हो जायेगा. विद्यालय अध्यापकों के वेतनमान तय करने के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग गया हुआ है, लेकिन अभी तक इस संदर्भ में औपचारिक निर्णय नहीं हो सका है.
रिक्तियां न देने पर सात जिलों के डीइओ को कारण बताओ नोटिस
शिक्षा विभाग ने नियोजन इकाइयों से रिक्तियों की जानकारी न भेजने पर सात जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस मामले में सात जिलों मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी, दरभंगा,सीवान, मधेपुरा और बांका के जिला शिक्षा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. नवागत निदेशक ने आधिकारिक आदेश में स्पष्टीकण 24 घंटे के अंदर देने को कहा है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा है कि समय पर जवाब नहीं दिया तो संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
Also Read: बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया तेज, जिलों को रिक्तियां तत्काल भेजने का निर्देश
सभी नियोजन इकाइयों से मांगी गयी थी रिक्तियों
जानकारी के मुताबिक राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली के क्रियान्वयन के क्रम में जिला पंचायत एवं नगर निकाय क्षेत्र की सभी नियोजन इकाइयों से रिक्तियों की जानकारी तलब की गयी थी. इस क्रम में इन जिलों से जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं करायी है, जिसकी वजह से रिक्तियों के सरेंडर करके नयी नियमावली की मंशा के अनुरूप नियुक्तियों के लिए रखा जाना है.