BPSC : बिहार न्‍यायिक सेवा परीक्षा देने दूसरे राज्यों से आये परीक्षार्थियों को देना होगा कोरोना निगेटिव प्रमाणपत्र

बिहार में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 31वीं बिहार न्‍यायिक सेवा मुख्‍य परीक्षा को स्थगित करने की मांग तेज कर दी गयी है. लिखित परीक्षा आठ से 13 अप्रैल तक दो शिफ्टों में आयोजित की जायेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | April 3, 2021 11:27 AM

पटना. बिहार में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 31वीं बिहार न्‍यायिक सेवा मुख्‍य परीक्षा को स्थगित करने की मांग तेज कर दी गयी है. लिखित परीक्षा आठ से 13 अप्रैल तक दो शिफ्टों में आयोजित की जायेगी. इसमें 2379 अभ्यर्थी शामिल होंगे.

मुख्य परीक्षा में चयनित होने वाले कई उम्मीदवार दूसरे राज्यों के भी हैं. ऐसे में मुख्य परीक्षा देने वाले बिहार के अभ्यर्थी परीक्षा तत्काल स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं.

वहीं, बिहार के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए दूसरे राज्यों से आने वाले उम्मीदवारों की कोरोना जांच कराकर परीक्षा में शामिल होने देने पर विचार किया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि दूसरे राज्य से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट को परीक्षा में शामिल होने के लिए जरूरी किया जायेगा.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण से न्यायिक सेवा के अभ्यर्थी चिंतित

कोरोना वायरस के तेजी से फैलने और आठ अप्रैल से बिहार न्यायिक सेवा की लिखित परीक्षा होने से प्रतियोगी चिंतित हैं. प्रतियोगियों ने बिहार लोक सेवा आयोग से आग्रह किया है कि परीक्षा को रद्द कर इसकी तिथि आगे बढ़ा दी जाये. प्रतियोगियों को होटलों एवं धर्मशाला में ठहरने से डर लग रहा है. जबकि खबर मिल रही है कि कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

सर्टिफिकेट आवश्यक

गौरतलब है कि बिहार न्‍यायिक सेवा की मुख्‍य परीक्षा आठ से 13 अप्रैल तक रोजाना दो शिफ्टों में संचालित होनी है. पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक, जबकि दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से पांच बजे तक संचालित होनी है.

परीक्षार्थियों ने कहा कि सात दिनों तक दूसरे राज्यों के परीक्षार्थी दूसरे शहरों में रहेंगे, तो कोरोना का खतरा बढ़ जायेगा. इस कारण कोरोना सर्टिफिकेट परीक्षा में जरूरी किया जाना चाहिए.

Posted by Ashish Jha

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