बिहार सरकार के अफसर का फर्जीवाड़ा, प्रॉक्सी बनकर दी BPSC की परीक्षा, अब खत्म हो सकती है उम्मीदवारी
बीपीएससी हेड मास्टर की परीक्षा में दूसरे कैंडीडेट की जगह बैठ परीक्षा देने के मामले में पुलिस दाेनाें काे बुलाकर पूछताछ करने के साथ ही बीपीएससी जाकर सारे साक्ष्य लेगी. जांच करने के बाद पुलिस आयोग काे पूरी रिपाेर्ट देगी.
पटना. बीपीएससी की ओर से आयोजित हेड मास्टर की परीक्षा में दूसरे की जगह परीक्षा में बैठने वाले ग्रामीण विकास पदाधिकारी सुमित कुमार की उम्मीदवारी खत्म हो सकती है. बीपीएससी की 66वीं परीक्षा में चयनित सुमित कुमार दूसरे अभ्यर्थी की जगह बैठकर हेड मास्टर की परीक्षा दे रहे थे, जिसकी जांच चल रही है. आयाेग का कहना है कि पुलिस जांच के बाद रिपाेर्ट देगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
पुलिस मामले की कर रही छानबीन
इधर, पुलिस मामले की छानबीन करने में जुटी है. पुलिस दाेनाें काे बुलाकर पूछताछ करने के साथ ही बीपीएससी जाकर सारे साक्ष्य लेगी. जांच करने के बाद पुलिस आयोग काे पूरी रिपाेर्ट देगी. सुमित सुपाैल जिले के रघुनाथपुर गांव के हैं. उन्हाेंने मधेपुरा के गाैजामा गांव के रहने वाले रत्नेश कुमार की जगह पर बीपीएससी की ओर से आयाेजित हेड मास्टर की पीटी की परीक्षा दी थी.
सुपौल के एक व्यक्ति ने बीपीएससी को दी जानकारी
सुपाैल के ही रहने वाले एक व्यक्ति ने इस बाबत बीपीएससी काे जानकारी दी थी कि रत्नेश की जगह पर सुमित ने परीक्षा दी है. शिकायत मिलने के बाद जांच के लिए बीपीएससी ने उप सचिव डाॅ. मनाेज कुमार झा और कंदन कुमार की दाे सदस्यीय कमेटी बनायी. सुमित के 66 वीं बीपीएससी परीक्षा के आवेदन पत्र की जांच की गयी ताे वह सही पाया गया. 66 वीं में सुमित ने साइन किया था, वही ओएमआर शीट में किया गया साइन रत्नेश का मिला. जिसके बाद आयोग ने दाेनाें काे बुलाया. रत्नेश नहीं पहुंचे पर सुमित आयाेग आये. इस दाैरान टचलेस आइरिस और फेसिंग रिकाेगनिशन की गयी. फाेटाे का भी मिलान किया गया. उसके बाद बीपीएससी के प्रशाखा पदाधिकारी प्रदीप कुमार ने सचिवालय थाना में रत्नेश और सुमित पर केस दर्ज करा दिया.
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