BPSC ने इन शिक्षक अभ्यर्थियों को दिया नोटिस, मांगा स्पष्टीकरण, परीक्षा से होंगे प्रतिबंधित?
बीपीएससी ने वेबसाइट पर जारी सूचना में कहा कि तथ्य के सत्यापन किए बिना लगाए गए आरोप बिल्कुल निराधार हैं और इसकी वजह से बीपीएससी की छवि धूमिल हुई है. आयोग ने इन सभी अभ्यर्थियों से एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.
BPSC Teacher News : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा राज्य के चार शिक्षक अभ्यर्थियों को नोटिस भेजा है. इन अभ्यर्थियों को यह नोटिस मीडिया के सामने विद्यालय अध्यापक नियुक्ति परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों का रिजल्ट दिए जाने और कटऑफ में गड़बड़ी होने का आरोप लगाने के बाद दिया गया है. आयोग इन इसकी सूचना अपने आधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड की है. सभी का नाम, रोल नंबर और फोटो भी सार्वजनिक कर दिया गया है. इस अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा रिजल्ट के कट ऑफ पर भी सवाल खड़े किए थे.
इन अभ्यर्थियों को दिया गया नोटिस
बीपीएससी की वेबसाइट पर जारी सूचना के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया गया है उनमें किशोर कुमार, मो. सरफराज आलम, मामून राशिद और पिंकी कुमारी शामिल हैं. इन चारों अभ्यर्थियों ने बीपीएससी की ओर से जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थियों का रिजल्ट दिए जाने और कटऑफ पर सवाल उठाया था. इन्होंने ढाई से तीन हजार फर्जी परीक्षार्थियों का परिणाम जारी करने और कटऑफ में गलती होने का आरोप लगाया था.
एक सप्ताह के अंदर मांगा स्पष्टीकरण
आयोग ने वेबसाइट पर जारी सूचना में कहा कि तथ्य के सत्यापन किए बिना लगाए गए आरोप बिल्कुल निराधार हैं और इसकी वजह से बीपीएससी की छवि धूमिल हुई है. बीपीएससी ने इस सभी अभ्यर्थियों से एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. अभ्यर्थियों को एक सप्ताह के अंदर आयोग के ईमेल आईडी पर इसका जवाब देना है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं किया जाए. आयोग ने कहा कि यदि तथ्यों के साथ एक सप्ताह के अंदर जबाव नहीं दिया गया, तो माना जाएगा कि इनके पास कोई तथ्य नहीं हैं. इसके बाद बीपीएससी कानूनी कार्रवाई करेगा और इन अभ्यर्थियों को आगे की परीक्षाओं से वंचित भी किया जा सकता है.
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दो दिन पहले भी 20 अभ्यर्थियों पर हुई थी कार्रवाई
बता दें कि दो दिन पहले ही बिहार लोक सेवा आयोग ने दूसरे के बदले शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने और आधार कार्ड में गड़बड़ी समेत अन्य मामलों में 20 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की थी. आयोग ने सभी अभ्यर्थियों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए अगले पांच तक के लिए परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया था. प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए 24, 25 और 26 अगस्त को आयोग ने परीक्षा का आयोजन किया था. इसमें यह बीस अभ्यर्थी भी शामिल हुए थे. इनका सत्यापन असफल पाया गया था. बीपीएससी अब गलत आरोप लगाने और फालतू बयानबाजी करने वाले अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसने जा रहा है.
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दस्तावेज सत्यापन के समय अयोग्य पाये गये या अनुपस्थित अभ्यर्थी दें स्पष्टीकरण
वहीं इससे पहले बीपीएससी ने दस्तावेज सत्यापन के समय अयोग्य पाये गये या अनुपस्थित अभ्यर्थियों को सात नवंबर तक आयोग के इ-मेल पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. आयोग ने कहा है कि अभ्यर्थियों ने आवेदन के समय अपने दावे के समर्थन में आवश्यक प्रमाणपत्राें को समर्पित करते हुए तथ्यों के सही होने की वचनबद्धता दी थी. लेकिन दस्तावेज सत्यापन के समय पर्याप्त अवसर मिलने के बावजूद उसमें अनुपस्थित रहे या असफल पाये गये. इससे आयोग के मानव बल और समय की बर्बादी हुई और नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हुई. साथ ही इस कृत्य के गलत मंशा से नियुक्ति पाने का कुप्रयास होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है. लिहाजा आयोग ने पूछा है कि उनके उक्त कृत्य को कदाचार की श्रेणी में मानते हुए उनके विरुद्ध विधिसम्मत अनुशासनिक कार्रवाई क्यों नहीं की जाये और उन्हें आयोग की आगामी परीक्षाओं में भाग लेने से क्यों नहीं वंचित कर दिया जाये.