BPSC 68th Mains: बीपीएससी ने बढ़ाई 68वीं मेन्स के लिए आवेदन की तारीख, अब इस दिन तक भर सकते हैं फॉर्म
BPSC 68th की प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थी जो मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए अब तक आवेदन नहीं किये हैं, वे 29 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. हालांकि आवेदन करने के लिए आपको विलंब शुल्क भी देना होगा.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 68वीं संयुक्त मुख्य (लिखित) प्रतियोगिता परीक्षा में आवेदन करने की तिथि विलंब शुल्क के साथ बढ़ा दी है. प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थी जो मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए अब तक आवेदन नहीं किये हैं, वे 29 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं. निर्धारित शुल्क के समतुल्य राशि विलंब शुल्क के साथ बैंक ड्राप्ट के रूप में सचिव, बीपीएससी पटना के नाम से बनावाकर आयोग के कार्यालय में 29 तक जमा कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
इतना देना होगा शुल्क
सामान्य अभ्यर्थी के लिए निर्धारित शुल्क 750 रुपये व विलंब शुल्क 750 रुपये जमा करना होगा. कुल 1500 रुपये शुल्क का ड्राफ्ट जमा करना होगा. एससी-एसटी, महिला व दिव्यांग अभ्यर्थियों को कुल 400 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बना कर जमा करना होगा. पूर्व में ऑनलाइन आवेदन कर चुके स्टूडेंट्स को दोबारा ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है. आवेदन में सुधार भी 29 अप्रैल तक कर सकते हैं.
बीपीएससी ने अभ्यर्थियों को दी चेतावनी
बीपीएससी ने कहा है कि बिना साक्ष्य के प्रश्नों पर आपत्ति न करें. अभी हाल में 68वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पर स्टूडेंट्स ने दोबारा चार मार्च को आपत्ति दर्ज की गयी थी. इसके कारण आयोग का बहुमूल्य समय बर्बाद हुआ है. इन सभी आपत्ति दर्ज करने वाले स्टूडेंट्स ने स्पष्टीकरण पूछा गया है और चेतावनी भी दी गयी है कि आगे इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं हो.
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तीन परीक्षार्थियों को बीपीएससी ने किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोका
बीपीएससी ने तीन परीक्षार्थियों को आगामी सभी परीक्षाओं से निष्कासित कर दिया है. इनमें सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी की परीक्षा में शामिल सुशांत सुमन पर अफवाह फैलाने का आरोप है. इसके लिए बीपीएससी ने तीन नवंबर, 2022 से तीन साल तक के लिए किसी भी परीक्षा देने से रोक लगा दिया है. रत्नेश कुमार प्रधानाध्यापक की परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया था. ये अपने स्थान पर दूसरे व्यक्ति सुमित कुमार को परीक्षा में बैठा दिया था. इन्हें 31 मई, 2022 से पांच वर्ष तक के लिए रोक लगा दी गयी है. वहीं, सुमित कुमार, जो 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल हुए थे, वे रत्नेश कुमार के स्थान पर प्रधानाध्यापक की परीक्षा में शामिल हुए थे, उन्हें भी 31 मई, 2022 से पांच वर्ष तक किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया है.