BPSC: बिहार में अधिकारियों को पसंद नहीं आ रहा श्रम विभाग, 60 लोगों ने छोड़ी नौकरी, जानें बड़ा कारण
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित अभ्यर्थियों को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (LEO) का पद पसंद नहीं आ रहा है. पिछले पांच वर्षों में 60 से अधिक एलइओ श्रम संसाधन की सेवा को छोड़ दूसरे विभागों में चले गये. इस साल भी 27 एलइओ ने बीपीएससी की परीक्षा में शामिल होने के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण- पत्र) लिया है
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) से चयनित अभ्यर्थियों को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (LEO) का पद पसंद नहीं आ रहा है. पिछले पांच वर्षों में 60 से अधिक एलइओ श्रम संसाधन की सेवा को छोड़ दूसरे विभागों में चले गये. इस साल भी 27 एलइओ ने बीपीएससी की परीक्षा में शामिल होने के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण- पत्र) लिया है. अगर इनकी नियुक्ति दूसरे विभागों में हो जायेगी तो ये एलइओ की सेवा को छोड़ देंगे. इनके विमुख होने के कारण ही एलइओ के स्वीकृत 545 पदों के विरुद्ध लगभग 350 ही पदाधिकारी कार्यरत हैं. इस कारण दर्जनों एलइओ को एक से अधिक प्रखंडों की जिम्मेदारी है.
बीपीएससी से होती है बहाली
बीपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद श्रम संसाधन में दो पदों श्रम अधीक्षक व एलइओ की बहाली होती है. बिहार श्रम सेवा के तहत श्रम अधीक्षक, जबकि नियमावली के आधार पर एलइओ की बहाली होती है, लेकिन श्रम अधीक्षक जिला स्तर तो एलइओ प्रखंड स्तर पर तैनात होते हैं. समस्या यहीं हो रही है. बीपीएससी की परीक्षा में अधिक अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी एलइओ बन जा रहे हैं , जबकि कम अंक लाने वाले श्रम अधीक्षक बन जा रहे हैं. ऐसे में विभाग में एलइओ योगदान के दिन से ही वे कनीय हो जा रहे हैं.
क्या कहते हैं अभ्यर्थी
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के अभ्यर्थियों का कहना है कि अभ्यर्थियों की समस्या देखने में काफी छोटी लग सकती है. मगर, ये गंभीर विषय है. सरकार को मामले में सोच विचार करने की जरूरत है. इसके साथ ही, आयोजित होने वाली परीक्षा में स्तर का भी ध्यान रखना चाहिए. परीक्षा में कम अंक वाले श्रम अधीक्षक बन रहे हैं, जबकि अधिक अंक लाकर भी अभ्यर्थी एलईओ का पद ही प्राप्त कर पा रहे हैं.