23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बीपीएससी पेपर लीक मामला: ट्रैप में घूस लेते पकड़ाये 8 बीडीओ की दोबारा कर दी गयी उसी पद पर पोस्टिंग

बीपीएससी पेपर लीक मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र पर तैनात बतौर स्टैटिक मजिस्ट्रेट बड़हरा बीडीओ जयवर्द्धन गुप्ता को प्रश्न-पत्र वायरल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जांच में यह बात सामने आयी कि तीन-चार वर्ष निलंबित रहने के बाद फिर से बीडीओ के पद पर कर दी गयी थी.

कौशिक रंजन पटना. बीपीएससी पेपर लीक मामले में आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज परीक्षा केंद्र पर तैनात बतौर स्टैटिक मजिस्ट्रेट बड़हरा बीडीओ जयवर्द्धन गुप्ता को प्रश्न-पत्र वायरल मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जांच में यह बात सामने आयी कि बीडीओ के पद पर इनकी तैनाती तीन-चार वर्ष निलंबित रहने के बाद मार्च 2021 में फिर से बीडीओ के पद पर कर दी गयी थी.

घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये थे

जयवर्द्धन गुप्ता की तरह आठ अन्य बीडीओ भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो तीन से छह साल पहले ट्रैप मामलों में घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये थे. इसके बाद ये सभी जेल गये और ग्रामीण विकास विभाग ने उन्हें निलंबित भी कर दिया था. छह महीने से एक साल में इनका बेल हो गया और बाहर आने के बाद इन्होंने अपना निलंबन तोड़वाया और जुगाड़ लगाकर बीडीओ बन गये.

ये आठ पदाधिकारी फिर से बना दिये गये बीडीओ

ग्रामीण विकास विभाग के स्तर से 15 मार्च 2021 को इन आठ बीडीओ की तैनाती फिर से बीडीओ पद पर कर दी गयी, जो उस समय प्रतीक्षारत चल रहे थे. इस अधिसूचना में कुल 20 बीडीओ का ट्रांसफर पोस्टिंग किया गया था. वर्तमान में भी एक को छोड़कर अन्य सभी अभी भी इसी पद पर हैं. राजीव रंजन कुमार को सिंहवाडा (दरभंगा), शैलेश कुमार केसरी को पुनपुन (पटना), विनोद कुमार को बिक्रम (पटना), लोकेंद्र यादव को जलालगढ़ (पूर्णिया), जयवर्द्धन गुप्ता को बड़हरा (भोजपुर), प्रमोद कुमार को मकेर (सारण), दिवाकर कुमार को चौरौत (सीतामढ़ी) और विनित कुमार सिन्हा को राघोपुर (सुपौल) शामिल हैं.

पंचायत चुनाव से पहले हटा दिया गया था

इसमें बिक्रम के बीडीओ विनोद कुमार को पंचायत चुनाव से पहले हटा दिया गया था. इन सभी पर अभी विभागीय जांच चल रही है. ऐसा करना प्रशासनिक सेहत के लिए ठीक नहीं : विजिलेंस विभाग के कुछ पूर्व अधिकारियों का कहना है कि ट्रैप में फंसे पदाधिकारियों को फिर से उसी पद पर पदस्थापित करना कहीं से उचित नहीं है.

नहीं होती है उसी पद पर तैनाती

प्रशासनिक सेहत को देखते हुए कदाचार मुक्त प्रशासनिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए इन पदाधिकारियों को फिर से उसी पद पर तैनात नहीं करना चाहिए. इनकी तैनाती दूसरे स्थान या पद पर की जा सकती है. विभाग को दागी पदाधिकारियों को फिर से फील्ड ड्यूटी या सीधे पब्लिक डिलिंग वाले पद पर तैनात करने से परहेज करना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें