पटना. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्नपत्र वायरल होने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की विशेष टीम ने शुक्रवार को गया जिले के एक केंद्राधीक्षक शक्ति कुमार (37 वर्ष) को गिरफ्तार किया है. यह इस मामले से जुड़ी 15वीं गिरफ्तारी है. शक्ति कुमार को गया जिले के डेल्हा स्थित रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज में केंद्राधीक्षक बनाया गया था. शक्ति पहला व्यक्ति है, जिसने प्रश्नपत्र का फोटो खींच कर वायरल किया. पूछताछ में उसने स्वीकार किया है कि उसने ही डॉक स्कैनर मोबाइल एप से बीपीएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र ‘सी’ सेट स्कैन कर कपिलदेव नामक व्यक्ति को वाट्सएप से भेजा था और प्रश्नपत्र लीक किया था. इधर, गिरफ्तारी के बाद इओयू के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने उसको छह जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया.
बीपीएससी पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी के बाद गया जिले के डेल्हा स्थित रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज के केंद्राधीक्षक शक्ति कुमार को इओयू के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया. जहां से विशेष कोर्ट ने उनको न्यायिक हिरासत में लेते हुए छह जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया. इओयू की विशेष कोर्ट पेपर लीक मामले में भादवि की धारा 420, 467, 468 व 120बी, 66 आइटी एक्ट व बिहार परीक्षा नियमावली के तहत केस दर्ज कर मामले की सुनवाई कर रही है.
शक्ति कुमार के मुताबिक रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज वर्ष 2010 में गया जिलान्तर्गत डेल्हा में किराये के भवन में खोला गया. इस प्राइवेट कॉलेज में शक्ति स्वयं प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं. इसे 2011 में एफिलिएशन मिला था. 2018 में इनका एफिलिएशन समाप्त भी कर दिया गया था. विगत चार वर्षों से इस कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं का सेंटर पड़ता है. साथ ही मैट्रिक व इंटर की परीक्षा का केंद्र भी यहां पड़ता है. आठ मई 2022 को हुई बीपीएससी की संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का सेंटर भी इनके कॉलेज में पड़ा था. इओयू के विशेष जांच टीम ने इस कॉलेज में छापेमारी व तलाशी कर कुछ दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किये.
पेपर लीक मामले में इओयू की विशेष जांच टीम कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है. इस कांड में आपराधिक षड्यंत्र से लेकर रुपयों के लेन-देन (मनी ट्रायल) सहित विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान की कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक इस पूरे गिरोह के द्वारा किये गये षड्यंत्र में शामिल हर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.
रविवार आठ मई, 2022 के दिन 67वीं बीपीएससी की पीटी परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था. इसके बाद आयोग ने जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर इस परीक्षा को रद्द घोषित कर दिया था. बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने अभी तक इस मामले में कुल 14 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है.
बीपीएससी पेपर लीक मामले का मुख्य सरगना आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. वह एनआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मामले के गिरोह का मास्टरमाइंड आनंद और पिंटू वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में अध्यापक भर्ती घोटाले में भी गिरफ्तार हो चुका है.
1. डाॅ योगेंद्र प्रसाद सिंह, कुंवर सिंह कॉलेज, आरा के प्राचार्यव केंद्राधीक्षक
2. जयवर्द्धन गुप्ता, कुंवर सिंह कॉलेज पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे
3. सुशील कुमार सिंह, कुंवर सिंह कॉलेज, आरा के प्रोफेसर व परीक्षा नियंत्रक
4. अगम कुमार सहाय, कुंवर सिंह कॉलेज के प्रोफेसर व सहायक केंद्राधीक्षक
5. संजय कुमार, पूर्व एनआइटी छात्र
6. राहुल कुमार, राजस्व पदाधिकारी
7. राजेश कुमार, कृषि विभाग के सहायक
8. निशिकांत कुमार राय
9. कृष्ण मोहन सिंह, शिक्षक
10. सुधीर कुमार सिंह
11. अमित कुमार सिंह
12. महेश पूर्वे, मधुबनी, अभ्यर्थी
13. प्रवीण कुमार यादव, मधुबनी, अभ्यर्थी
14. अभिषेक त्रिपाठी, यूपी, प्रश्नपत्र सॉल्वर
15. शक्ति कुमार, गया
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