दरभंगा. बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा के पेपर लीक मामले का तार दरभंगा जिले के नगर थाना क्षेत्र से जुड़ रहा है. शनिवार की रात आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) की टीम दरभंगा पहुंची. एक संदिग्ध के घर पर छापेमारी की. उसके भाई को हिरासत ले लिया. उसे उसके भाई को बुलाने के लिए कहा गया. इस बीच देर रात लगभग दो बजे आफताब के आने पर उसके मोबाइल फोन को जब्त कर लिया गया. उससे पूछताछ करने के बाद उसे रिहा कर दिया गया. हालांकि उसे कहा गया है कि चार दिनों बाद जब पुलिस बुलायेगी तो आना होगा.
इस बीच पूछताछ में उसने तीन सदस्यीय टीम को बताया कि उसके फोन को किसी ने स्केन कर उसके हॉट स्टॉट से जीमेल के लपेटे में बीपीएससी के पेपर लीक के मामले में लाया है. इंटनेट का इस्तेमाल कर जीमेल अकाउंट के लपेटे में दरभंगा के युवक को भी ले चुका है. नगर थाना पर देर रात तक रुकी आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बिंदुवार पूछताछ कर पीआर बाउंड पर दोनों को रिहा किया है. टीम ने आफताब के मोबाइल को जब्त कर लिया है.
सूत्रों के अनुसार शनिवार की रात इओयू की टीम जिला पुलिस से संपर्क कर नगर थाना पहुंची. वहां से बिना कुछ बताये एक संदिग्ध युवक की गिरफ्तारी के लिए लालबाग में छापेमारी की गयी. लालबाग में मो आफताब की खोज होने पर वहां भीड़ जुट गयी. हालांकि, इस दौरान आफताब घर छोड़कर भाग निकला था. टीम ने मौके से उसके भाई मो रिजवान को हिरासत में लिया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इओयू की ओर से जांच में यह बात सामने आयी है कि बीपीएससी पेपर लीक किये जाने के वक्त आफताब का मोबाइल व जीमेल का उपयोग पेपर को इधर-उधर करने में किया गया है.
Also Read: नीतीश कुमार ने तय की जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक की तारीख, आने लगे नेताओं को फ़ोन
राजीव नगर थाने की पुलिस ने रंगदारी मांगने के मामले में फरार चल रहे आरोपित को तीन साल बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. राजीव नगर थाना प्रभारी नीरज कुमार सिंह के मुताबिक पकड़ा गया आरोपित रोहित कुमार कोठिया गली रोड नंबर 11 थाना पाटलिपुत्र का रहनेवाला है. दीघा-आशियाना रोड पर वह आभूषण की दुकान करता था. उसके खिलाफ वर्ष 2019 में रंगदारी मांगने की एफआइआर दीघा थाने में दर्ज करायी गयी थी.