बीपीएससी पेपर लीक : इओयू ने राजस्व अधिकारी राहुल कुमार को लिया रिमांड पर, कई राज खुलने की उम्मीद

बीपीएससी पेपर लीक कांड में गिरफ्तार राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार को इओयू ने पूछताछ के लिए तीन दिनों के रिमांड पर लिया है. बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में इओयू की टीम ने राहुल कुमार को गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया था.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2022 6:27 AM

पटना. बीपीएससी पेपर लीक कांड में गिरफ्तार राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार को इओयू ने पूछताछ के लिए तीन दिनों के रिमांड पर लिया है. बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रवेश परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में इओयू की टीम ने राहुल कुमार को गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया था. इस मामले में अब तक कुल नौ लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.

80 हजार रुपये पिंटू यादव के खाते में डाले थे

राहुल कुमार इस पूरे प्रकरण में एक अहम कड़ी माना जा रहा है. अभ्यर्थी के रूप में वह स्वयं पीटी में शामिल हुआ था और उसके पास प्रश्नपत्र व उत्तर दोनों परीक्षा शुरू होने के पहले पहुंच चुका था. ऐसे में उसके माध्यम से यह पता चल जायेगा कि उसके पास ये दोनों कहां से या किस चैनल से आये. उसने एक बार 80 हजार रुपये पिंटू यादव के खाते में डाले थे और दूसरी बार एक लाख से ज्यादा राशि जमा की थी. इसका पूरा ट्रेल मिल गया है.

परीक्षा से पहले हीआ गया था प्रश्न पत्र

भरगामा (अररिया) में तैनात राजस्‍व अधिकारी के मोबाइल फोन पर परीक्षा शुरू होने से पहले ही उत्‍तर के साथ प्रश्‍नपत्र आ गया था. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में पता चला है कि राजस्‍व अधिकारी राहुल कुमार के मोबाइल फोन पर परीक्षा शुरू होने से काफी पहले ही जवाब के साथ क्‍वेश्‍चन पेपर आ गया था. जांच में यह भी पता चला है कि राहुल कुमार पेपर लीक कांड के मास्‍टरमाइंड माने जा रहे पिंटू यादव के भी लगातार संपर्क में थे. राहुल कुमार से कई सनसनीखेज राज सामने आने की संभावनाा जताई जा रही है.

प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किया गया है

राहुल कुमार मूल रूप से गया के अतर्री के रहने वाले हैं. उनके पिता मधुबनी में दारोगा के पद पर तैनात हैं. परीक्षा से ठीक पहले क्‍वेश्‍चन पेपर लीक होने के बाद प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया गया था. मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्‍त रुख अपनाते हुए पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ सख्‍त से सख्‍त कार्रवाई का आदेश दिया था. इसके बाद इस मामले की कमान आर्थिक अपराध इकाई ने संभाल ली.

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