BPSC Paper Leak : कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका, साॅल्वरों को मिले थे एक से डेढ़ लाख रुपये
आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गिरफ्तार किये गये अभियुक्त की पूछताछ में वायरल प्रश्न- पत्र को सॉल्व कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने और छात्रों से राशि वसूली में इनकी बड़ी भूमिका सामने आ रही है. इसको देखते हुए इओयू ने इन संदिग्ध कोचिंग संचालकों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया है.
पटना. बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में राजधानी के कई कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका का पता चला है. आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गिरफ्तार किये गये अभियुक्त की पूछताछ में वायरल प्रश्न- पत्र को सॉल्व कर परीक्षार्थियों तक पहुंचाने और छात्रों से राशि वसूली में इनकी बड़ी भूमिका सामने आ रही है. इसको देखते हुए इओयू ने इन संदिग्ध कोचिंग संचालकों के विरुद्ध साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया है. इओयू सूत्रों के मुताबिक पेपर साल्वरों को एक से डेढ़ लाख रुपये दिये का सौदा हुआ था.
कुछ कोचिंग संचालकों ने उपलब्ध कराये थे सॉल्वर
सूत्रों के अनुसार, प्रश्न-पत्र लीक करने वाला गिरोह पटना के कई कोचिंग संचालकों के संपर्क में था. गिरोह ने कोचिंग संचालकों की मदद से परीक्षा से पहले ही छात्रों को प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया गया था. इसके लिए छात्रों से राशि भी वसूली गयी थी, जिसमें कोचिंग संचालकों की भी हिस्सेदारी थी. कुछ कोचिंग संचालक खुद साॅल्वर की भूमिका में भी जुड़े थे तो कुछ ने साॅल्वर उपलब्ध कराया था.
कई नये नामों का हुआ खुलासा
गिरोह को मालूम था कि वायरल प्रश्न-पत्र परीक्षा से कुछ समय पहले ही उन तक पहुंचेगा. ऐसे में प्रश्न-पत्र को साॅल्व करने के लिए बड़ी संख्या में स्कॉलरों को सॉल्वर के रूप में रखा गया था. लोहानीपुर स्थित कंट्रोल रूम में भी साॅल्वरों को बैठाकर प्रश्न पत्र सॉल्व कराया गया था. इसके बदले साल्वरों को करीब एक से डेढ़ लाख रुपये दिये जाने की बात सामने आ रही है. लंगरटोली से गिरफ्तार किये गये साॅल्वर अमित कुमार सिंह से भी पूछताछ में इस गिरोह से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं. कई नये नामों का खुलासा भी हुआ है, जिसकी तलाश की जा रही है.
राजेश व सुधीर की रिमांड पूरी
बीपीएससी पेपर लीक मामले में रिमांड पर लिए गये कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार और औरंगाबाद निवासी सुधीर कुमार सिंह की रिमांड शनिवार को पूरी हो गयी. दोनों ही अभियुक्तों से तीन दिनों तक इओयू की टीम ने कई घंटों तक पूछताछ की है. सूत्रों के अनुसार, जांच टीम जल्द ही जेल भेजे गये दो अन्य अभियुक्त शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह और निशिकांत कुमार राय की भी रिमांड पर ले सकती है.