BPSC ने खान सर को भेजा लीगल नोटिस, 15 दिन के अंदर मांगा जवाब
BPSC ने पटना के फेमस शिक्षक खान सर को नोटिस भेजा है.
बिहार लोक सेवा आयोग ने शनिवार को खान ग्लोबल स्टडीज के संचालक खान सर को लीगल नोटिस भेजा है. आयोग ने उन्हें यह नोटिस नॉर्मलाइजेशन के विरोध में दिए गए बयान के आधार पर भेजा है. बता दें कि पिछले साल 6 दिसंबर को बीपीएससी अभ्यर्थियों ने पटना में 70वीं पीटी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन न लागू करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान खान सर ने अभ्यर्थियों के बीच में पहुंचकर उनकी मांगों का समर्थन करते हुए कहा था कि हम किसी भी कीमत पर नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू होने देंगे. हालांकि आयोग ने यह पहले ही साफ कर दिया था कि वह इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं करने जा रहा है.
खान सर ने आयोग को बताया था चोर
BPSC ने खान ग्लोबल के पांचो सेंटर पर आयोग ने नोटिस भेजा है. खान सर ने आयोग को चोर बोला था, जिसके बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर, करोल बाग, पटना के बोरिंग रोड और मुसल्लपुर हाट और प्रयग्राज वाले सेंटर पर नोटिस भेजा गया है.
जवाब नहीं देने पर होगी कारवाई
बिहार लोक सेवा आयोग के वकील ने खान सर को लीगल नोटिस भेज कर उनसे जवाब मांगा है. जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत बिहार लोक सेवा आयोग मामला भी दर्ज करा सकता है. बिहार लोक सेवा आयोग ने खान सर को नोटिस देकर उनके उस बयान के बारे में पूछा है कि आपने किस तरीके से यह कहा कि बीपीएसी का सीट बेचा जा रहा है और यह सब-अध्यक्ष और अध्यक्ष के लोगों के जरिए किया जा रहा है.
खान सर पर लगा अफवाह फैलाने का आरोप
नोटिस में कहा गया है कि फैजल खान उर्फ़ खान सर ने 05.12.2024 और 06.12.2024 को बीपीएससी से बिना पता लगाए या पुष्टि किए ही 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा में सामान्यीकरण यानी नॉर्मलाइजेशन लागु किए जाने के बारे में गलत सूचना/अफवाह फैलाई है. आरोप लगाया कि खान सर ने अभ्यर्थियों को निराधार सूचना/अफवाहों पर इकट्ठा होने और बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ विरोध करने के लिए उकसाया है. नोटिस में कहा गया है कि खान सर ने अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां की हैं, जैसे कि “ये मध्यम वर्ग के बच्चे हैं. कोई इनके एस.डी.एम. की सीट, कोई इनके डी.एस.पी. का सीट बेचेगा, हम होने नहीं देंगे.
‘बकलोल कहिका, कोढ़ फूट जाएगा’
नोटिस में कहा गया है कि इतना ही नहीं, 29.12.2024 को आपने छात्रों की भीड़ को संबोधित किया था, जिसका वीडियो है. इसमें आप आयोग और उसके अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि “बकलोल कहिका कह रहा है कि विद्यार्थी नहीं है, वो अपना जैसा समझ रहा है, जैसे ‘वो सब फर्जी नौकरी लेलिया ना.” “बेशरम, ऊपर जाके जवाब देना है”; “कोढ़ फूट जाएगा”; “आयोग ने धंधली की है” “आयोग का पूरा मिलिभगत है, जब भी एस.डी.एम. की सीट आएगी डी.एस.पी. की सीट आएगी तो सारी सीट बेच दी जाएगी” “मनु भाई चोर है” आदि. इस तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग न केवल मानहानिकारक, अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण है बल्कि आयोग के विरुद्ध कलंक भी है, जो आयोग की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है. आपके जैसे शिक्षक से ऐसी भाषा का प्रयोग करने और छात्रों को भड़काने की अपेक्षा नहीं की जाती है, इससे भयावह कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है.