BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा की ऐसे करें तैयारी, गुरु रहमान और अन्य एक्सपर्ट से जानें सफल होने के टिप्स..
BPSC शिक्षक भर्ती की परीक्षा होने वाली है. इस परीक्षा में कुछ टिप्स को अपना कर छात्र सफल हो सकते है. आज से ही छात्र इन टिप्स को अपना सकते है. यह परीक्षा में सफल होने का बढ़िया तरीका है. गुरु रहमान और अन्य एक्सपर्ट ने परीक्षा में सफल होने की टिप्स को साझा किया है.
BPSC शिक्षक भर्ती की परीक्षा होने जा रही है. छात्र कुछ टिप्स को अपनाकर परीक्षा में सफल हो सकते है. गुरु रहमान और अन्य एक्सपर्ट ने परीक्षा में सफल होने के टिप्स को साझा किया है. इसके जरिए अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हो सकते है. परीक्षा विशेषज्ञ गुरु रहमान बताते है कि अंतिम समय में जो भी पढ़े हैं एक बार फिर से उसे रिवाइज कर लें. कम-से-कम चार पांच छात्रों के साथ ग्रुप डिस्कशन करना आवश्यक है. कला संकाय के लिए सामाजिक विज्ञान व करेंट अफेयर्स पर ध्यान दें. इससे संबंधित प्रश्नों का हल आपको बेहतर स्कोर दिलायेगा. बिहार का नक्शा और तथ्यों पर पकड़ बनाएं.
सफल होने के लिए ऐसे करें तैयारी..
विज्ञान संकाय व वाणिज्य के लिए विज्ञान व गणित और रीजनिंग के प्रैक्टिस पर ध्यान दें. 55 मार्क्स इससे आ जायेंगे. सामाजिक विज्ञान, भूगोल, इतिहास, अर्थव्यवस्था व राजनीति से संबंधित तथ्यों को अच्छी तरह से पढ़ लें. इतिहास के लिए प्राचीन: पाषाण काल के नाम और खुदाई से प्राप्त स्थल, सिंधु सभ्यता, वैदिक काल के मूलभूत बातें, जैन एवं बौद्ध धर्म (जिसमें बिहार से संबंधित बातें हों). मध्यकालीन: दिल्ली सल्तनत (वैसे शासक जिनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बिहार में योगदान हो, उदाहरण खिलजी वंश), मुगल काल, विजयनगर के शासक इत्यादि पर ध्यान दें.
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साइंस: (फिजिक्स) फिजिक्स मात्रक बीमा, गति, न्यूटन के गति के नियम, बल, दाब, ध्वनि, ताप, विद्युत धारा,रेडियो सक्रियता इत्यादि. केमिस्ट्री: पदार्थ औरउसकी प्रकृति, परमाणु संरचना, धातुए एवं अधातु, कार्बन और योगित इत्यादि बायोलॉजी-कोशिका, उतक, जीवों एवं पदार्थों का वर्गीकरण, मानवीय क्रिया, मानव अंग,पोषकीय तत्व, मानव रोग इत्यादि. सामाजिक विज्ञान: भूगोल: भारत का भौतिक विभाजन, नदियां, मिट्टी एवं जलवायु, मरुस्थल, कर्क एवं मकर रेखा, ब्राजील, चीन, कैपस्यिन सागर, बिहार के जिलों की स्थिति, नदियां, कृषि, खनिज, वन्यजीव, जनसंख्या पर ध्यान दें.
टॉपिक्स का रिविजन करना बेहद जरुरी..
एक्सपर्ट नवीन कुमार बताते है कि टॉपिक्स का रिविजन करें. कक्षा 9 से 10 तक के शिक्षक अभ्यर्थी पेपर – एक ( भाषा ) के लिए सामान्य इंग्लिश व हिंदी व्याकरण के साथ- साथ विद्यालय स्तर के इंग्लिश तथा हिंदी लिटरेचर को अंतिम समय में एक बार देख लें. पेपर – दो ( भाग – एक, विषय- पत्र ) के लिए अभ्यर्थी अपने विषय श्रेणी के अनुरूप कक्षा 12वीं तक की एनसीइआरटी, एससीइआरटी के साथ- साथ स्नातक स्तर तक पढ़ चुके टॉपिक को रिवाइज कर लें. पेपर- 2 (भाग – II, सामान्य अध्ययन ) के लिए अध्ययन सामग्री के रूप में अभ्यर्थी एनसीइआरटी के साथ-साथ बिहार टेक्स्ट बुक्स को भी रिवाइज कर लें. सोशल साइंस के लिए कक्षा 6 से 12 तक, साइंस के लिए कक्षा 6 से10वीं तक तथा गणित के लिए जनरल मैथ के महत्वपूर्ण टॉपिक्स को देख लें.
यहीं से पूछे जायेंगे ज्यादातर सवाल..
छात्रों को चाहिए कि अब नये कुछ न पढ़कर, लगातार रिवीजन करते रहें, जो भी सिलेबस के अनुसार अभी तक आपने पढ़ा है. सब्जेक्ट के महत्व को भी आप ध्यान रखें. किस पेपर से ज्यादा प्रश्न पूछे जानें की संभावना है. खासकर प्राइमरी टीचर जहां सबसे ज्यादा कंपटीशन है, उनको गणित, सामान्य जागरूकता पर भी विशेष ध्यान जरूर देना चाहिए. क्योंकि ये स्कोर पेपर है. भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भूगोल, राजनीति विज्ञान, विज्ञान सहित पूरे सिलेबस को एससीइआरटी पैटर्न की आठवीं तक की किताबों को गंभीरता से देखें. क्योंकि, ज्यादातर सवाल आपके यहीं से पूछे जायेंगे. बाकी, लगभग 20 प्रतिशत सवाल 10वीं तक से भी पूछे जा सकते हैं. मॉक टेस्ट लगातार करते रहें, क्योंकि इससे कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा. आपके लेवल का भी पता चलेगा. कोशिश करें कि ग्रुप में सेट बनाएं तो और ज्यादा फायदा हो सकता है. निगेटिव बातों और न्यूज से तत्काल बचना होगा.
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‘यह सेक्शन तय करेगा अभ्यर्थियों का भविष्य’
पटना साइंस कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर अखिलेश कुमार बताते है कि कक्षा 11वीं से 12वीं तक के अभ्यर्थियों के लिए पेपर दो (भाग- एक) से 80 अंकों का वेटेज रहेगा और यह उनका अपना विषय होगा. लिहाजा, यही वह सेक्शन है, जो अभ्यर्थियों का भविष्य तय करेगा. इस सेक्शन में अभ्यर्थियों को अधिक-से- अधिक लीड लेने की कोशिश करनी चाहिए. गहन और विस्तृत अध्ययन के बिना इस सेक्शन को संभाल पाना संभव नहीं होगा. अभ्यर्थियों को ज्यादा दिग्भ्रमित होने से बचना चाहिए और सटीक टॉपिक के अध्ययन पर ध्यान देना चाहिए. जो पढ़ चुके हैं, उनको रिवाइज करें. और सेट प्रैक्टिस पर ध्यान दें. अंतिम समय में कॉन्सेप्ट क्लियर रखें. सामान्य अध्ययन विषय के अभ्यास के लिए अभ्यर्थी बीपीएससी, एसएससी व शिक्षक बहाली के लिए हुई परीक्षाओं के ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन बैंक को आधार बना कर प्रैक्टिस करें. प्रीवियस इयर्स के क्वेश्चन पेपर को बार-बार सॉल्व करें. समय मिले, तो उपलब्ध स्तरीय प्रैक्टिस सेट के सवालों को भी बनाना हितकर होगा.