बीपीएससी के जरिये विद्यालय अध्यापक बनने की चाह रखने वाले नियोजित शिक्षक अभ्यर्थियों को अपनी अधिकतम आयु को लेकर निराश नहीं होना पड़ेगा. सरकार ने उनके लिए अधिकतम आयु सीमा शिथिल कर दी है. शिक्षा विभाग ने विद्यालय अध्यापकों के लिए बनी नयी नियमावली के लागू होने से पहले पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को प्रथम समव्यवहार यानी काउंसेलिंग में 10 साल की छूट देने का निर्णय लिया गया है. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ गुरुवार को अधिसूचना जारी कर दी है.
अधिसूचना में साफ किया गया है कि पंचायती राज संस्था और नगर निकाय संस्था के तहत नियुक्त व कार्यरत शिक्षकों को अधिकतम आयु सीमा में पूरी छूट दी जायेगी. दरअसल, अधिकतर नियोजित शिक्षकों की अधिकतम उम्र सीमा खत्म हो चुकी है. ऐसे में राज्य सरकार ने अधिकतम उम्र सीमा को शिथिल करने का निर्णय लिया है.
अधिसूचना के मुताबिक विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति के लिए आवेदन करने जा रहे ऐसे प्रशिक्षित अभ्यर्थी जिन्होंने बिहार राज्य अध्यापक नियमावली के प्रभावी होने के पहले पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें नियमावली के लागू होने के बाद नियुक्ति की काउंसेलिंग के दौरान अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट एक अगस्त, 2023 को आधार मानकर दी जायेगी. हालांकि एसटीइटी 2019 में उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियुक्ति में काउंसेलिंग में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट एक अगस्त, 2019 को आधार मानकर दी जायेगी. इस तरह शिक्षा विभाग ने एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की पात्रता और उम्र सीमा से संबंधित समूची विसंगतियों को दूर कर दिया है.
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बीपीएससी इसी माह एक लाख 70 हजार विद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने वाला है. इनमे नियोजित शिक्षकों को भी मौका मिलेगा. शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के सभी पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा भी जारी कर चुका है. इसके अनुसार कक्षा नौ व दस के शिक्षकों के लिए 50 फीसदी अंक के साथ स्नातक या स्नातकोत्तर और 11वीं व 12वीं कक्षा के अध्यापकों के लिए पचास प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में पीजी की डिग्री अनिवार्य होगी. कक्षा 11 वीं और 12 तक के विद्यालय अध्यापक पद के लिए छह विषय समूह तय किये हैं.