बिहार शिक्षक बहाली: BPSC तीन दिन में 1.70 लाख पदों के लिए जारी करेगा विज्ञापन, जानें कब होगी परीक्षा
BPSC Teacher Recruitment: बीपीएसएसी अध्यक्ष ने बताया कि चूंकि यह एक चरणीय परीक्षा है और इसी से अंतिम रुप से अभ्यर्थियों का चयन होगा . लिहाजा इसमें सामान्य पीटी परीक्षा की तुलना में और भी अधिक सख्ती बरती जायेगी .
BPSC Teacher Recruitment: दो-तीन दिनों में बीपीएससी 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन निकालेगा. सोमवार को प्रेस वार्ता में आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि तीन महीना परीक्षार्थियों को तैयारी करने के लिए दिया जायेगा और अगस्त में 15 तारीख के बाद यह परीक्षा ली जायेगी. बीपीएससी को अब तक तीन श्रेणियों प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की रिक्तियां मिली हैं. इसलिए अभी इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया ही शुरू की जा रही है. मध्य विद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति पर इनके लिए अधियाचना आने पर विचार होगा.
भाषा के क्वालिफाइंग पेपर में नहीं होगा निगेटिव मार्किंग
वर्तमान में तीनों श्रेणियों की शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ली जाने वाली भाषा के क्वालीफाइंग पेपर का प्रश्नपत्र एक ही होगा. इसमें निगेटिव मार्किंग नहीं होगी, 25 अंक की अंग्रेजी और 75 अंक की हिंदी, बांग्ला और उर्दू का क्वालिफाइंग अंक अलग अलग नहीं होकर एक ही होगा और इनमें समन्वित रूप से 100 में 30 अंक लाना होगा. इस पेपर में केवल क्वालिफाइ करना जरूरी होगा और 30 फीसदी से अधिक अंक लाने पर भी वह मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ेगा. हालांकि मुख्य पेपर का प्रश्नपत्र तीनों श्रेणियों के लिए अलग अलग होगा और उसमें निगेटिव मार्किंग भी होगी. उसके अंक के आधार पर ही अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन होगा.
सभी श्रेणियों के लिए होगा एक साथ आवेदन
सभी श्रेणियों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक साथ आवेदन होगा. यदि योग्यता की वांछित शर्तों को पूरा करें तो कोई भी आवेदक सभी तीन पदों पर या दो पदों पर एक साथ आवेदन कर सकता है. शिक्षक नियुक्ति परीक्षा चार दिन होगी . इसमें पहले दिन भाषा के अनिवार्य क्वालिफाइंग पेपर की परीक्षा होगी जिसमें सभी परीक्षार्थी एक साथ बैठेंगे. अन्य तीन दिन तीनों श्रेणियों के मेन पेपर की परीक्षा होगी जिसमें आवेदक अपने आवेदन में दिये गये विकल्पों के अनुरूप बैठेंगे.
आवेदन के साथ देना होगा आधार
आवेदन के साथ अभ्यर्थियों का आधार नंबर भी लिया जायेगा. जिनके आधार नहीं होंगे उनको अपने आवेदन के साथ बायोमैट्रिक्स देना पड़ेगा . सेंटर पर अभ्यर्थी का आधार या दिये गये बायोमैट्रिक से मिलान कराया जायेगा . इस दौरान उनका फेसिअल रिकोगनिशन और आइरिश कैप्चर भी करवाया जायेगा. साथ ही अभ्यर्थियों की ठीक तरह से तलाशी भी ली जायेगी और किसी तरह के गलत काम में अभ्यर्थी को लिप्त पाये जाने पर उसे पांच वर्षों के लिए आयोग में शामिल होने वाले आगामी किसी भी परीक्षा में बैठने से रोक दी जायेगी. मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क को निष्प्रभावी करने के लिए हर सेंटर पर जैमर लगेगा.
तीन घंटे पहले भी बुलाया जा सकता सेंटर पर
बीपीएसएसी अध्यक्ष ने बताया कि चूंकि यह एक चरणीय परीक्षा है और इसी से अंतिम रुप से अभ्यर्थियों का चयन होगा . लिहाजा इसमें सामान्य पीटी परीक्षा की तुलना में और भी अधिक सख्ती बरती जायेगी . पीटी परीक्षा में दो घंटे पहले अभ्यर्थियों को परीक्षा सेंटर पर बुलाया जाता है और एक घंटे पहले प्रवेश बंद किया जाता है . लेकिन इस परीक्षा में तीन घंटे पहले परीक्षा केद्रों पर परीक्षार्थियों को बुलाया जा सकता है और दो घंटे पहले उनका प्रवेश बंद किया जा सकता है ताकि उनकी ठीेक तरह से तलाशी ली जा सके और बायोमैट्रिक मिलान किया जा सके.
अभ्यर्थियों के सामने ही खोले जायेंगे शील्ड प्रश्नपत्र
परीक्षा के शील्ड प्रश्नपत्र अभ्यर्थियों के सामने ही परीक्षा कक्ष में खोले जायेंगे और वही परीक्षा के बाद दोबारा सीलबंद भी होंगे ताकि गड़बड़ी की आशंका को दूर किया जा सके.
एक ही विषय चुनना होगा
विषय चुनने के कई विकल्पों के बावजूद एक अभ्यर्थी को एक श्रेणी के परीक्षा प्राथमिक, माध्यमिक या उच्च माध्यमिक के लिए एक ही विषय का चुनाव करना होगा, हलांकि वह अलग अलग श्रेणियों के लिए अपना विषय बदल सकते हैं और प्राथमिक में कोई विषय और माध्यमिक या उच्चतर माध्यमिक में कोई अन्य विषय ले सकते हैं .
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महिलाओं और दिव्यांगों को मिलेगा गृह प्रमंडल
अतुल प्रसाद ने कहा कि महिला और दिव्यांग अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले या उसमें जगह नहीं रहने पर उनके गृह प्रमंडल में ही परीक्षा केंद्र देने का प्रयास किया जायेगा . साथ ही दिव्यांगों को परीक्षा केंद्र के ग्राउंड फ्लोर पर ही सीट आवंटित किया जायेगा ताकि उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो .
अभ्यर्थियों के अंकों के समान होने की स्थिति में इस परीक्षा के लिए उम्र सीमा ही चयन का आधार बनेगी क्योंकि सामान्य परीक्षाओं में टाइब्रेक की स्थिति में विषय को चयन का पहला आधार बनाया जाता है लेकिन इसमें विषय और सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र अलग अलग नहीं होने की वजह से उम्र सीमा ही चयन का आधार बनेगी और अधिक उम्र वाले काे वरीयता दी जायेगी. वह भी बराबर आने की स्थिति में देवनागरी में नाम के पहले अल्फाबेट के आने के क्रम को चयन का आधार बनाया जायेगा.