बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी ) के जरिये विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अभी तक करीब छह लाख पंजीयन हो चुके हैं. चार लाख से अधिक लोगों ने पूरी तरह आवेदन भर दिये हैं. जानकारों के मुताबिक चिंता की बात यह है कि सबसे कम आवेदन प्लस टू स्कूलों के लिए आये हैं. प्लस टू में भी सबसे कम आवेदन कक्षा 11 और 12 वीं के लिए आये हैं. इस तरह हायर सेकेंडरी में पदों का भरना मुश्किल होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक आवेदन की तिथि बढ़ने से आवेदनों की संख्या में सकारात्मक बदलाव संभव है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय अध्यापकों के घोषित 57602 पदों की तुलना में अभी तक केवल करीब 30 हजार के आसपास ही आवेदन आये हैं. इसी तरह माध्यमिक कक्षाओं के लिए 32916 पदों के विरुद्ध करीब-करीब इसके बराबर ही आवेदन आये हैं. सर्वाधिक आवेदन कक्षा एक से पांच तक के विद्यालय अध्यापकों के लिए है. कक्षा एक से पांच तक की कक्षाओं के लिए रिक्त 79943 हजार शिक्षक पदों के लिए तीन लाख से अधिक आवेदन आये हैं. बात साफ है कि सर्वाधिक प्रतिस्पर्धा कक्षा एक से पांच वर्ग के लिए ही है.
इधर सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को बिहार लोक सेवा आयोग और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के बीच समन्वय बैठक हुई है. जिसमें विभिन्न तकनीकी मसलों पर चर्चा की गयी. जानकारी के मुताबिक बिहार में लगभग एक लाख सत्तर हजार से अधिक विद्यालय अध्यापकों के पदों पर नियुक्तियां की जानी है. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है. हाल में आवेदन की प्रक्रिया बढ़ाकर पंद्रह जुलाई कर दी गयी है.
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11 और 12 वीं कक्षाओं में मुख्य विषयों की रिक्तियों की तुलना में एसटीइटी पास उम्मीदवार ही कम होंगे. उदाहरण के लिए वनस्पति विज्ञान में 2738 पदों की तुलना में केवल 1427, रसायन विज्ञान में 4799 रिक्तियों के विरुद्ध 1491, भौतिकी की 3022 पदों के विरुद्ध 822, समाज शास्त्र में 1434 रिक्तियों के विरुद्ध केवल 622 ही एसटीइटी उम्मीदवार हैं.