बिहार में 29 और BPSC शिक्षकों ने छोड़ी नौकरी, पटना में सैकड़ों शिक्षकों ने अबतक नहीं लिया नियुक्ति पत्र

बिहार में 29 और बीपीएससी शिक्षकों के नौकरी छोड़ने की बात सामने आयी है. पटना के 25 शिक्षकों ने ज्वाइन करने के बाद बिहार में शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है. इससे पहले दरभंगा में भी शिक्षकों ने नौकरी से इस्तीफा दिया था. वहीं कैमूर से भी इस्तीफा दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2023 4:09 PM

BPSC Teacher News: बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों के इस्तीफे का सिलसिला भी जारी है. पटना के 25 बीपीएससी शिक्षकों ने अपना-अपना इस्तीफा सौंपा है. जबकि कैमूर में भी 4 शिक्षकों ने अपना त्यागपत्र दे दिया है. वहीं शिक्षकों के त्यागपत्र देने के बाद उन स्कूलों में शिक्षकों की कमी अचानक हो गयी है. वहीं बड़ी संख्या में नियुक्त शिक्षक अपना नियुक्ति पत्र भी लेने नहीं पहुंचे हैं. पटना में सैकड़ों शिक्षकों ने नौकरी में दिलचस्पी नहीं दिखाई है. जबकि कैमूर में भी 100 से अधिक शिक्षकों ने अबतक नियुक्ति पत्र नहीं लिया है.

पटना में  25 शिक्षकाें का इस्तीफा, सैकड़ों शिक्षकों ने नहीं लिया नियुक्ति पत्र

पटना जिले में 25 नवनियुक्त शिक्षकों ने स्कूलों में योगदान करने के बाद त्यागपत्र दे दिया है. इन शिक्षकों की कहीं और नौकरी हो गयी है. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले के स्कूलों से 25 शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया है. जिन स्कूलों से शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया है, वहां विषय की शिक्षकों की कमी हो गयी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि 25 नव चयनित शिक्षकों ने त्यागपत्र दे दिया है. जिले में 4856 नव नियुक्त शिक्षकों का चयन किया गया था, लेकिन अंतिम रूप से लगभग 4100 शिक्षकों ने योगदान किया. अन्य शिक्षकों ने चयन के बाद नियुक्ति पत्र ही नहीं लिया.

कैमूर में 106 शिक्षकों ने नहीं दिया योगदान

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक पद पर चयन होने के बाद भी कैमूर जिले के 106 नवनियुक्त शिक्षकों द्वारा योगदान नहीं किया गया, तो वहीं योगदान करने के महीने दिन के अंदर ही चार शिक्षक-शिक्षिकाओं ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया. हालांकि, त्यागपत्र दिये तीन शिक्षकों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय व अन्य जगह नौकरी होने के कारण त्यागपत्र दे रहे हैं. वहीं, त्यागपत्र दिये एक शिक्षक ने अपने आवेदन में कहा है कि मम्मी-पापा औरंगाबाद में रहते हैं, विद्यालय का संचालन 9 बजे से 5 बजे तक होने के कारण समय से घर नहीं पहुंचते हैं. कई बार दुर्घटना का शिकार होते-होते बचे हैं. इस वजह से मैं त्यागपत्र दे रहा हूं.

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कैमूर में 4 शिक्षकों का इस्तीफा

गौरतलब है कि बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा कैमूर जिले में 2405 शिक्षकों को चयनित किया गया था. चयनित 2405 शिक्षकों में से 106 शिक्षकों ने नियुक्ति पत्र ही नहीं लिया, तो वहीं आवंटित स्कूलों में योगदान करने के बाद चार शिक्षकों ने अपना त्यागपत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दिया. हालांकि तीन शिक्षिका जो त्यागपत्र दी हैं, उसमें स्वाति सिंह उच्च माध्य विद्यालय चोरी चांद ने अपने आवेदन में कहा है कि मेरी नियुक्ति केंद्रीय विद्यालय में हो गयी है. वहीं बूंदी टेकरी मध्य विद्यालय मोहनिया में कार्यरत शशिकला यादव ने भी अपने त्यागपत्र में केंद्रीय विद्यालय में नौकरी होने की बात कही है.

इस्तीफा देने की वजह बता रहे शिक्षक..

जारुवा मध्य विद्यालय कुदरा में कार्यरत शिक्षिका पूजा यादव ने त्यागपत्र में कहा है कि मेरी नौकरी इंडियन ऑयल में हो गयी है, इसलिए मैं अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे रही हूं. वहीं एक शिक्षक जो हरदासपुर कुदरा मध्य विद्यालय में कार्यरत हैं उन्होंने अपने त्यागपत्र में जिक्र किया है कि मेरा घर औरंगाबाद जिले में है. अपने मां-पिता की देखभाल के लिए मुझे घर पर आना पड़ता है. घर से विद्यालय आने में काफी कठिनाइयां हो रही हैं. कई बार मैं दुर्घटना का शिकार होते-होते बचा हूं. इसलिए मैं अपनी नौकरी से इस्तीफा दे रहा हूं.

प्रधानाध्यापक से मांगी गयी लिस्ट

कैमूर जिले में चयनित 2405 शिक्षकों में से 106 शिक्षकों ने अभी तक योगदान नहीं किया. विभागीय सूत्र के अनुसार जिले में कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो विभाग से नियुक्ति पत्र ले गये हैं, नियुक्ति पत्र लेने के बाद भी विद्यालय में योगदान नहीं किये हैं. इधर नियुक्ति पत्र लेने के बाद भी विद्यालय में योगदान नहीं करने वाले शिक्षकों की सूची डीपीओ स्थापना द्वारा सभी प्रधानाध्यापक से मांगी गयी है.

क्या बोले डीपीओ

इस संबंध में जानकारी देते हुए डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने कहा कि अभी तक चार शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा त्यागपत्र दिया गया है. सभी लोगों ने अपनी समस्या का भी जिक्र त्यागपत्र में किया है. साथ ही डीपीओ ने कहा कि चयन होने के बाद 106 शिक्षकों ने योगदान नहीं किया. डीपीओ ने कहा कई शिक्षकों ने नियुक्ति पत्र ले जाने के बाद योगदान नहीं किया है, इसकी सूची मांगी जा रही है.

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