BRABU अगले सत्र तक चार नये विभागों के साथ और समृद्ध होगा. विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सरकार को नये विभागों की अनुमति के साथ ही स्थायी फैकल्टी की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा. इसमें शिक्षा शास्त्र के साथ-साथ लाइब्रेरी साइंस, एमबीए व एमसीए के लिए अलग विभाग की व्यवस्था की जा रही है. अभी इन विभागों से संबंधित कोर्स का संचालन दूसरे विभागों से कराया जा रहा है. साथ ही स्थायी फैकल्टी नहीं होने के कारण शिक्षण व शोध सहित अन्य क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शिक्षा शास्त्र के लिए कई बार सरकार को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल सकी है. विवि से करीब पांच दर्जन बीएड कॉलेज संबद्ध हैं, लेकिन उनकी निगरानी के लिए काेई विभाग नहीं है.
विश्वविद्यालय के चार नये विभागों के लिए पद सृजन कमेटी से स्वीकृत कराकर सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा. कमेटी की बैठक बुलाने के लिए कुलपति की अनुमति मांगी गयी है. दरअसल, विवि में लंबे समय से पद सृजन कमेटी की बैठक नहीं हुई है. इससे पहले शिक्षा शास्त्र सहित अन्य विभागों का प्रस्ताव सीनेट से पास कराकर सरकार को भेजा गया, लेकिन पद सृजन कमेटी की स्वीकृति नहीं होने के कारण सरकार के स्तर से मंजूरी नहीं मिली. इंस्पेक्टर ऑफ कॉलेज डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि पद सृजन कमेटी की बैठक बुलाने के लिए कुलपति को अनुरोध पत्र भेजा गया है.
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में युवाओं को अब मानवता का पाठ भी पढ़ाया जायेगा. संस्थान में दाखिला लेने के बाद कोर्स से पहले उनके लिए इंडक्शन मीट कराकर मानवीय मूल्य और नैतिकता की सीख दी जानी है. इसको लेकर एआइसीटीइ ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है. यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज एंड प्रोफेशनल एथिक्स तैयार किया गया है, जो छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ संस्कार के लिए प्रेरित करेगा. उच्च शिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक स्तर में सुधार को लेकर सरकार के साथ ही यूजीसी और एआइसीटीइ की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. अभी करियर को लेकर युवा पीढ़ी लगातार तनाव के दौर से गुजर रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर कोर्स तैयार किया गया है. यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में नये सत्र की शुरुआत इंडक्शन मीट से की जायेगी, जिसमें छात्र-छात्राओं को संस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास से भी अवगत कराया जायेगा.
– नैतिक मूल्यों से सुंदर चरित्र का निर्माण होता है.
– नैतिक मूल्यों के विकास से सामाजीकरण की भावना का विकास होता है.
– नैतिकता का विकास हो जाने पर बच्चे समाज विरोधी कार्य करने से डरते हैं.
– नैतिकता बच्चे के व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होती है.
– नैतिक मूल्य बच्चे के आचरण व व्यवहार को निर्धारित करते हैं.
– नैतिक मूल्यों व उच्च आदर्शों से बच्चे का आत्मविश्वास व आत्मचेतना मजबूत होती है.
– समस्या के समाधान के लिए सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता होती है.