स्नातक में नामांकन लेने वाली सभी वर्ग की छात्राओं के साथ ही एससी-एसटी छात्रों को भी नि:शुल्क शिक्षा का लाभ तत्काल नहीं मिलेगा. उन्हें संबंधित विभाग या कॉलेजों में निर्धारित फीस जमा कर नामांकन कराना होगा. जब सरकार की ओर से अनुदान राशि विश्वविद्यालय को मिलेगी, तब चेक के माध्यम से छात्र-छात्राओं को लौटायी जायेगी. बीआरए बिहार विवि के पीजी विभाग व कॉलेजों में स्नातकोत्तर सत्र 2021-23 में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. पिछले हफ्ते विवि की ओर से पहली मेधा सूची जारी की गयी थी, जिसके आधार पर 16 अगस्त से नामांकन लिया जा रहा है. सरकार की ओर से स्नातकोत्तर तक की शिक्षा सभी वर्ग की छात्राओं के लिए नि:शुल्क है. वहीं, एससी-एसटी छात्रों को शुल्क नहीं देना है.
बिहार विवि के विभाग और कॉलेजों में फीस लिये जाने पर छात्र-छात्राओं ने विरोध किया था. इस संबंध में शनिवार को कुलसचिव की ओर सभी विभागाध्यक्ष व संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजा गया है. कुलसचिव ने कहा है कि 26 जुलाई को नामांकन समिति की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार सभी वर्ग की छात्राओं व एससी-एसटी छात्रों से ली गयी राशि राज्य सरकार से प्राप्त होने के बाद वापस लौटा दी जायेगी. सभी वर्ग की छात्राओं व एससी-एसटी व इबीसी छात्रों से शिक्षण शुल्क नहीं लेने का भी निर्देश दिया गया है.
बिहार विश्वविद्यालय के कई पीजी विभाग और कॉलेजों में फीस स्ट्रक्चर अलग-अलग है. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं होने के कारण मनमानी फीस की वसूली हो रही है. कुलसचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राजभवन द्वारा अधिसूचित विभिन्न मदों में निर्धारित शुल्क ही छात्रों से लें.
सरकार की ओर से छात्राओं और एससी-एसटी छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है. विवि की ओर से कहा गया है कि पीजी सत्र 2021-23 के नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार को सूची के साथ पूरी रिपोर्ट भेज दी जायेगी. प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार से विश्वविद्यालय को अनुदान राशि भेजी जायेगी.