‍BRABU: नैक मूल्यांकन की अधूरी तैयारी, कागजी रिपोर्ट बनाने में जुटे विवि और कॉलेज

BRABU में नैक से मूल्यांकन कराने की चल रही आधी-अधूरी तैयारी के बीच यूनिवर्सिटी व कॉलेज फर्जी रिपोर्ट बनाने में जुट गये हैं. विवि के अधिकतर कॉलेजों में जिनका नैक से मूल्यांकन लंबित है. मूल्यांकन के लिए विकास के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2022 8:36 PM

BRABU में नैक से मूल्यांकन कराने की चल रही आधी-अधूरी तैयारी के बीच यूनिवर्सिटी व कॉलेज फर्जी रिपोर्ट बनाने में जुट गये हैं. विवि के अधिकतर कॉलेजों में जिनका नैक से मूल्यांकन लंबित है. मूल्यांकन के लिए विकास के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. लेकिन, नैक मूल्यांकन कराने का जो मानदंड है, उस पर कॉलेज खरा नहीं उतर रहे हैं. इससे इस प्रक्रिया में काफी देरी हो रही है. कई कॉलेजों ने तो छात्रों के नामांकन व स्वीकृत सीट की फर्जी कागजी रिपोर्ट तैयार कर दी है. ऐसे में आने वाले समय में फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वाले कॉलेजों के मूल्यांकन के बाद बेहतर ग्रेडिंग पाना मुश्किल होगा. दूसरी ओर, यूनिवर्सिटी में इसके लिए सेल का गठन किया गया है, लेकिन यह सुस्त पड़ा है. अब तक जिस तरीके से सेल को कार्रवाई करनी चाहिए थी, वह नहीं की जा रही है. इससे 2022 तो दूर, 2023 में भी नैक का मूल्यांकन कराना मुश्किल होगा.

शहर के कई कॉलेजों में स्वीकृत सीट से काफी कम नामांकन

शहर के कई ऐसे प्रतिष्ठित कॉलेज हैं, जिनमें स्वीकृत सीट से काफी कम छात्रों का नामांकन होता है. नैक मूल्यांकन के दौरान इन बिंदुओं पर गहराई से जांच-पड़ताल होती है. इसके लिए 10 अंक तय है. ऐसे में कई कॉलेजों ने तो मूल्यांकन से पहले नैक को जो रिपोर्ट भेजी है, उसमें स्वीकृत सीट से काफी कम जिन-जिन विषयों में नामांकन है, वैसे विषयों में स्वीकृत सीट की संख्या को ही घटा कर रिपोर्ट बना दी गयी है.

नैक मूल्यांकन क्यों है आवश्यक

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल) नैक एक संस्थान है, जो भारत के उच्च शिक्षा, अन्य शिक्षा संस्थानों का आकलन तथा प्रत्यायन (मान्यता) का काम करती है. इसकी स्थापना 1994 में की गयी है. नैक से प्राप्त ग्रेड के आधार पर ही यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को सरकार से अनुदान की राशि मिलती है.

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