बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी विभाग सहित संबंधित कॉलेजों में पीजी सत्र 2021-23 में नामांकन के लिए एससी-एसटी छात्र व सभी वर्ग की छात्राओं को निर्धारित फीस देनी होगी. नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के फीस प्रतिपूर्ति के लिए विश्वविद्यालय की ओर से सरकार को डिमांड भेजा जायेगा. राशि मिलने के बाद सभी विभागों के माध्यम से संबंधित छात्र-छात्राओं को चेक से राशि वापस लौटा दी जायेगी.
फीस के विवाद को लेकर पीजी विभागों में नामांकन ठप हो गया है. छात्रों का आरोप है कि कई विभागों में मनमानी फीस की वसूली भी हो रही है. हालांकि कॉलेजों में नामांकन चल रहा है. डीएसडब्ल्यू डॉ अभय कुमार सिंह ने कहा कि एडमिशन कमेटी की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार कुलसचिव की ओर से नामांकन व फीस को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है. सभी विभागाध्यक्षों व संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों से कहा गया है कि राजभवन से अधिसूचित फीस ही ली जाये.
पीजी सत्र 2021-23 के लिए करीब नौ हजार छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है. पहली सूची 5800 सीटों के लिए जारी की गयी थी, जिस पर 16 अगस्त से नामांकन हो रहा है. बुधवार तक 1176 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विभागों में नामांकन लिया है. 25 अगस्त तक नामांकन की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है. कहा जा रहा है पीजी विभागों में नामांकन बंद होने के कारण सैकड़ों अभ्यर्थी वापस लौट जा रहे हैं. डीएसडब्ल्यू डॉ अभय कुमार सिंह ने कहा कि गुरुवार को समीक्षा के बाद नामांकन का समय 31 अगस्त तक बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है.
विवि के फीस लेने और फिर वापस करने के फैसले से छात्रों में आक्रोश है. विद्यार्थियों का कहना है कि कई छात्र ऐसे हैं जिनके लिए इस राशि का इंतजाम करना बड़ी मुश्किल है. जब विवि को पैसे वापस करना ही है तो फिर फीस लेने की क्या जरूरत है.