BRABU मुजफ्फरपुर में चार दिनों से चल रही हड़ताल खत्म, कुलपति समेत 4 लोगों पर FIR से थे नाराज

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी समेत चार लोगों पर दर्ज किए गए एफआईआर के विरोध में चार दिनों से चल रही हड़ताल समाप्त हो गई है. कुलपति के पहल पर यह हड़ताल समाप्त हुई है.

By Anand Shekhar | October 10, 2023 6:55 PM

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी की पहल पर छात्र, कर्मचारी व शिक्षकों की हड़ताल खत्म हो गयी है. कुलपति व कुलसचिव सहित चार पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी के विरोध में चल रहे आंदोलन के कारण पठन-पाठन से लेकर परीक्षा तक सभी कार्य ठप हो गये थे. ऐसे में छात्रों को हो रही परेशानी को देखते हुए हुए कुलपति ने हड़ताल खत्म करने का निर्देश दिया.

गुरुवार से काॅलेज और विश्वविद्यालय में चलेंगी नियमित कक्षाएं

बुधवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अवकाश है. ऐसे में अब गुरुवार से काॅलेज और विश्वविद्यालय के पीजी विभागों में नियमित कक्षाएं भी चलेंगी और प्रशासनिक कार्य भी संचालित होंगे. साथ ही हड़ताल के कारण चार कार्यदिवस में प्रभावित परीक्षाओं का संशोधित शेड्यूल विश्वविद्यालय मंगलवार को ही जारी कर दिया.

छात्रों के हित को देखते हुए हड़ताल खत्म करने का दिया निर्देश

मंगलवार को विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि विश्वविद्यालय परिवार का मुखिया होने के नाते छात्रों का हित सोचना भी उनका कर्तव्य है. उन्होंने आंदोलन कर रहे सभी छात्र संगठनों से वार्ता कर अपना निर्णय सुना दिया कि अपने विभाग और कॉलेज में जाकर पढ़ाई करें, आंदोलन वापस ले लें. कर्मचारियों को भी काम पर वापस लौटने का निर्देश दिया है.

मान-सम्मान की लड़ाई संवैधानिक तरीके से लड़ेंगे : कुलपति

प्रो चतुर्वेदी ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्वायतत्ता पर हमला और उनके खिलाफ की गयी प्राथमिकी के लिए अपने मान-सम्मान की लड़ाई वो संवैधानिक तरीके से लड़ेंगे. उन्हें राजभवन, सरकार और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.

संगठन हड़ताल वापस लेने के लिए सहमत हो गये

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय और काॅलेजों का मुख्य उद्देश्य है छात्र हित. लगातार छात्र-कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के विरोध के कारण पठन-पाठन समेत सभी प्रशासनिक कार्य ठप हो गये थे. ऐसे में सभी संगठनों से छात्र हित में एकेडमिक और प्रशासनिक माहौल को प्रभावित किये बिना विरोध दर्ज कराने का अनुरोध किया गया है. इसके बाद सभी संगठन हड़ताल को वापस लेने के लिए सहमत हो गये हैं. बुधवार से काॅलेज और विश्वविद्यालय मुख्यालय की सभी कक्षाएं नियमित रूप से संचालित होंगी. प्रशासनिक कार्य भी होंगे.

सत्र लगभग पटरी पर आ गया

कुलपति ने कहा कि सात महीने में तेजी से काम हुए हैं, जिससे सत्र लगभग पटरी पर आ गया है. 2020-23 की स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा का परिणाम हर हाल में इस वर्ष देने की योजना है. इस बीच सत्र को डीरेल करने के उद्देश्य से यह कार्रवाई की गयी है. प्रेस वार्ता के दौरान कुलसचिव प्रो संजय कुूमार, आइक्यूएसी के निदेशक प्रो कल्याण कुमार झा, डीएसडब्ल्यू प्रो अभय कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डाॅ टीके डे, डाॅ पंकज राय मौजूद थे.

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परीक्षाओं में वरीय शिक्षक बनेंगे परीक्षक, रद्द रहेगा अवकाश

कुलपति ने कहा कि आगे होने वाली विभिन्न परीक्षाओं में विश्वविद्यालय और काॅलेजों के शिक्षक परीक्षक की भूमिका में सेवा देंगे. परीक्षा की गरिमा कायम रहे और किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो, इसके लिए उन्हें परीक्षा ड्यूटी में लगाया जायेगा. परीक्षा से लेकर मूल्यांकन कार्य के दौरान किसी भी शिक्षक को छुट्टी नहीं दी जायेगी. विश्वविद्यालय सत्र नियमित करने को लेकर तत्पर है. ऐसे में सभी शिक्षकों के सहयोग से ही इसे ठीक किया जा सकता है. कई काॅलेजों और पीजी विभागों में शिक्षकों की कमी है. जहां एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है, स्थायी शिक्षक भेजे जायेंगे. इसके लिए काॅलेजों से विषयवार स्थायी शिक्षकों की उपलब्धता की सूची मांगी गयी है.

विवि परिसर और छात्रावास से हटेंगे पुलिसकर्मी

विश्वविद्यालय के छात्रावास संख्या सात में क्यूआरटी के जवानों, कुलपति आवास पुलिस बैरक और एलएस काॅलेज के कम्युनिटी काॅलेज में रह रहे पुलिसकर्मियों को यहां से स्थल खाली करना होगा. कुलपति ने कहा कि इसको लेकर राजभवन को सूचना दे दी गयी है. विश्वविद्यालय व काॅलेज छात्रों के लिए हैं. ऐसे में किसी भी बाहरी प्राधिकार या व्यक्ति को यहां स्थायी रूप से रहने की अनुमति नहीं है.

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