BRABU के कुलपति ने FIR को बताया सत्र डीरेल करने की साजिश, बोले-नहीं लेंगे जमानत, जिसे जो करना हो कर ले
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी समेत चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसकक एबाद बीआरएबीयू के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा है कि वे बेल नहीं लेंगे. जिसे जो कार्रवाई करनी हो करे.
बिहार शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक डॉ देवेंद्र कुमार ने वित्तीय अनियमितता के मामले में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी समेत चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया है. जिसके बाद शुक्रवार को इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. शिक्षक व कर्मचारियों के साथ ही छात्रों ने भी कुलपति के समर्थन में प्रदर्शन किया. इस दौरान विश्वविद्यालय मुख्यालय के साथ ही पीजी विभाग और सभी कॉलेजों में तालाबंदी हो गयी. वहीं इस मामले में अब बीआरएबीयू के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने कहा है कि वे बेल नहीं लेंगे. जिसे जो कार्रवाई करनी हो करे.
विश्वविद्यालय को पीछे धकेलने के लिए रची जा रही साजिश : कुलपति
विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए प्रो चतुर्वेदी ने कहा कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय नंबर-1 बनने की ओर अग्रसर है. अक्टूबर तक सत्र नियमित करने का लक्ष्य रखते हुए पिछले 136 दिनों में 52 परीक्षाएं ली गयीं है. इस बीच एकतरफा कार्रवाई कर विश्वविद्यालय को पीछे धकेलने और सत्र को डीरेल करने को लेकर यह साजिश की जा रही है.
छात्रों-शिक्षकों के आंदोलन की जवाबदेही कार्रवाई करने वालों की : कुलपति
कुलपति ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले से राजभवन को अवगत करा दिया है. विश्वविद्यालय की गरिमा और स्वायत्तता पर हमला हुआ है, तो शिक्षक व कर्मचारी आक्रोशित हैं. कार्रवाई के विरोध में शिक्षक व कर्मचारी संघ सड़क पर उतर आये हैं. छात्र संगठन भी कार्रवाई को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. यदि इनकी ओर से किसी प्रकार का आक्रामक आंदोलन होता है, तो वे इसके लिए जिम्मेवार नहीं होंगे. इसकी सारी जवाबदेही कार्रवाई करने वालों की होगी.
विश्वविद्यालय को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था
कुलपति का कहना था कि यदि कहीं किसी प्रकार की गड़बड़ी हुई है, तो उस पर विश्वविद्यालय को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए था. अनियमितता का आरोप लगाकर बिना राजभवन को संज्ञान में दिये, सीधे प्राथमिकी दर्ज कराया जाना न्यायोचित नहीं है.
कैंपस से खाली कराया जायेगा पुलिस बैरक : कुलपति
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए है और यहां पुलिसकर्मियों ने छात्रावास संख्या सात पर कब्जा जमा रखा है. विश्वविद्यालय परिसर में पुलिसकर्मी रहते हैं. जब विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला किया गया है. तो अब विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस बैरक और छात्रावास में रह रहे पुलिसकर्मियों को बाहर किया जायेगा. इसकी रिपोर्ट राजभवन को दी जा रही है.
छात्रावास पर कब्जा जमाया गया है : कुलपति
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में एक ओर छात्रों के रहने के लिए छात्रावास कम पड़ रहा है, दूसरी ओर छात्रावास पर कब्जा जमाया गया है. उन्होंने पीजी हॉस्टल में पुलिस छापेमारी पर भी नाराजगी जतायी. कहा कि पुलिस वालों ने हाॅस्टल में लूटपाट की और छात्रों की पिटाई की. उन्हें धमकी दी गयी कि किसी तरह के मूवमेंट में शामिल नहीं हों. कुलपति ने कहा कि यह अनुचित है.
हड़ताल के कारण बाधित हुई परीक्षा
इधर, शिक्षक-कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को होने वाली तीन परीक्षाएं स्थगित कर दी गयीं. वहीं शनिवार से हाेने वाली स्नातक तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा को भी अगले आदेश तक टाल दिया गया है. परीक्षा नियंत्रक डाॅ टीके डे ने बताया कि शुक्रवार को पीजी सत्र 2021-23 की तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा थी. वहीं एमएड का आखिरी पेपर और बीए-बीएड की परीक्षा भी थी. इन परीक्षाओं को हड़ताल के कारण स्थगित करना पड़ा. इस कारण परीक्षा देने विभिन्न जिलों से पहुंचे छात्रों को वापस लौटना पड़ा. शिक्षक, कर्मचारी और छात्र संगठनों ने प्राथमिकी के विरोध में एकजुटता दिखाई है. इसको देखते हुए शनिवार से होने वाली स्नातक तृतीय वर्ष की प्रायोगिक परीक्षा को भी अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है. सभी पीजी विभागों और काॅलेजों में कक्षाओं का संचालन भी ठप रहा. कुछ काॅलेजों में सुबह में कक्षाएं संचालित हुई, लेकिन 11 बजे के बाद संघ के आवाह्न पर कालेज भी बंद हो गये.
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